जन संसदजनता जर्नादन
La Martiniere के खिलाफ एबीवीपी ने खोला मोर्चा
लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहा है। सारे नियम कानून की धज्जियां उड़ाकर एक मुस्त फीस अभिभावकों से जमा कराकर उनको आर्थिक रूप से कमजोर बनाने का प्रयास कर रहा है। जबकि नियम यह है कि फीस त्रैमासिक या छमाही ही ली जा सकेगी।
फिर ऐसा क्यों नहीं हो रहा है। क्या La Martiniere कालेज सरकार से बड़ा हो गया है? वह बनाये गये सरकारी अधिनियम को मानना नहीं चाहता है। यह कालेज को साफ करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जबकि अधिनियम छात्र से एक ही बार प्रवेश फीस लिए जाने का प्राविधान है, तो नौवीं पास करने वाले छात्र से दुबारा प्रवेश शुल्क किसलिए लिया जा रहा है। इन सब बातों का जवाब La Martiniere कालेज के पास नहीं है। इस पर कालेज प्रशासन आंख खोल ले वरना और भी बड़ा आंदोलन किया जायेगा।
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