
अनुसूचित जाति के युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण में जुटी योगी सरकार, समता-सम्मान की दिशा में ऐतिहासिक पहल
राज्य सरकार अनुसूचित जाति के आर्थिक उत्थान के लिए एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम-अजय) के तहत संचालित ग्रांट-इन-एड योजना को मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान (सीएम युवा) से जोड़ा जाए। इससे अनुसूचित जाति के युवाओं खासकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुए उन्हें व्यवसाय की ओर प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।
समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित ग्रांट-इन-एड योजना को और प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी ने स्पष्ट किया है कि इस योजना को रोजगारपरक प्रशिक्षण से जोड़ते हुए इसका क्रियान्वयन इस प्रकार किया जाए जिससे लाभार्थी अनुदान राशि का प्रभावी और उत्पादक उपयोग कर सकें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस प्रक्रिया में महिला लाभार्थियों को विशेष प्राथमिकता दी जाए।
अनुदान की राशि को मार्जिन मनी के तौर पर उपयोग कर सकेंगे नए उद्यमी
इस योजना के तहत अनुसूचित जाति के लाभार्थियों को क्लस्टर मॉडल पर समूहबद्ध कर रोजगारोन्मुखी परियोजनाओं की स्थापना कराई जाती है। प्रत्येक लाभार्थी को अधिकतम 50 हजार रुपये या प्रोजेक्ट लागत का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो, सहायता अनुदान के रूप में प्रदान किया जाता है। ऐसे में सीएम युवा से इस योजना को जोड़ने पर यह राशि लाभार्थियों के लिए मार्जिन मनी के तौर पर मानी जाएगी, जिससे उन्हें संस्थागत ऋण प्राप्त करने में आसानी होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह पहल अनुसूचित जातियों को गरीबी रेखा से ऊपर लाने और उन्हें सम्मानजनक आजीविका देने की दिशा में एक सशक्त कदम है।