यरूशलम। इजरायल और गाज़ा के बीच जारी संघर्ष के बीच रिहा किए गए 42 बंधकों के परिजनों और गाज़ा में अभी भी बंधक बनाए गए लोगों के 250 से अधिक रिश्तेदारों ने शुक्रवार को एक पत्र जारी करके तत्काल युद्ध विराम और वार्ता की वापसी की मांग की है। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों पर संघर्ष को लंबा करने के लिए बंधकों का बलिदान देने का आरोप लगाया। इस पत्र पर रिहा किए गए बंधकों और 59 बचे हुए कैदियों के परिवारों ने हस्ताक्षर किए हैं। इसमें युद्ध समाप्त करने और गाज़ा के लिए युद्ध-पश्चात योजना तैयार करने के बदले में बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक समझौते की मांग की गई है।
पत्र में आरोप लगाया गया कि इजरायल की सैन्य कार्रवाई के कारण बंधकों की जान खतरे में पड़ी है और दावा किया कि अब तक 41 बंधक इजरायली रणनीति के चलते मारे जा चुके हैं। इस पत्र में कहा गया, “इजरायली सरकार बंधकों को बचाने और वापस लाने के बजाय अंतहीन युद्ध को चुन रही है, जिससे वे अपनी मौत के मुंह में जा रहे हैं। यह एक आपराधिक नीति है, आपको 59 बंधकों का बलिदान देने का कोई अधिकार नहीं है।” प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने बार-बार कहा है कि सैन्य दबाव ही बंधकों को छुड़ाने का मुख्य तरीका है, लेकिन परिवारों ने इस दावे को “लापरवाह” बताते हुए खारिज कर दिया।
उल्लेखनीय है कि सात अक्टूबर को हमास के हमले के दौरान 240 से ज़्यादा लोगों को बंधक बनाया गया था, जिसमें इज़रायल में 1,200 लोग मारे गए थे। इसके बाद 17 महीने तक चले संघर्ष में गाजा में 48 हजार से ज़्यादा लोग मारे गए। उन्नीस जनवरी को हमास के साथ शुरू हुआ युद्धविराम टूटने के बाद इजरायल ने मंगलवार को गाजा में हमले फिर से शुरू किए। इसके बाद इजरायली सेना ने दक्षिणी, उत्तरी और मध्य गाजा में जमीनी अभियान शुरू किए। गाजा के नागरिक सुरक्षा विभाग ने कहा कि शुक्रवार के हवाई हमलों में 11 लोग मारे गए, तथा नए हमलों में मरने वालों की कुल संख्या छह सौ से अधिक हो सकती है, तथा एक हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं।
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