अवंतीबाई महिला अस्पताल (डफरिन) के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान खान का कहना है कि इस मौसम में बच्चों में संक्रमण का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। बैक्टीरियल संक्रमण से पेट की सेहत बिगड़ रही है। ओपीडी में रोजाना औसतन 100 बच्चे आ रहे हैं। इनमें आधे से अधिक बच्चे शरीर में पानी की कमी से पेट में दर्द, दस्त के साथ बुखार के होते हैं। उल्टी, दस्त से शिथिल होने वाले नवजात को भर्ती करना पड़ रहा है। बच्चों में उल्टी, दस्त, बुखार व खांसी के लक्षण लगने पर डॉक्टर की सलाह लेकर ही दवाएं खिलाएं। खासकर बच्चों को एंटीबायोटिक खुद से न दें।
बीकेटी स्थित राम सागर मिश्र अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ शैलेन्द्र सिंह का कहना है कि बच्चों को धूप और गर्मी नुकसान पहुंचा रही है। ओपीडी व इमरजेंसी में 60 से अधिक बच्चे उल्टी और दस्त के आ रहे हैं। शादी समारोह व घरों में कई घंटे का रखा भोजन और बाहर की खुली चीजें खाने से बच्चे बीमार पड़ रहे हैं। बच्चे को बार-बार दस्त, पेट में ऐंठन, कम पेशाब, मुंह सूखना, सिरदर्द, थकान पर डॉक्टर को दिखाएं।
छह माह तक शिशु को सिर्फ स्तनपान ही कराएं
एसजीपीजीआई में कार्यरत डाइटीशियन डॉ. शिल्पी का कहना है स्तनपान कर रहे शिशुओं को गर्मियों में सिर्फ स्तनपान ही कराएं, उसी से उनकी पानी की जरुरत भी पूरी हो जाती है, वही छह माह से ऊपर के बच्चों को स्तनपान के साथ जरुरी आहार दें। वहीं, किशोर किशोरी बाहिरी खानपान पर ज्यादा निर्भर न रहकर, मौसमी फल सब्जी का सेवन करें। गर्भवती अपने खानपान का विशेष ध्यान दे, आयरन कैल्शियम की गोलियों के साथ उचित आहार ले जिससे इनका अवशोषण बेहतर हो।आमजन भी गर्मी में अपने खानपान का ख्याल रखे, ज्यादा तला भुना न खायें, साथ ही सभी खूब पानी पियें।
ये अपनाएं
-बच्चों को छाछ, सत्तू व तरल चीजें खिलाएं
-खीरा, ककड़ी, तरबूज दें
– बच्चों को साफ पानी पिलाएं
– डिहाइड्रेशन होने पर बच्चे को ओआरएस को घोल पिलाएं
-सूती व ढीले कपड़े पहनाएं
-सिर ढककर बाहर ले जाएं
ये चीजें न दें
– ठण्डा पानी, आईसक्रीम व अन्य चीजें न खिलाएं
-बाजार के कटे फल, व गन्ने का जूस कतई न दें
– चार घण्टे से अधिक समय से रखा भोजन बच्चों को न दें
डायरिया के ये हैं लक्षण
पेट के निचले हिस्से में दर्द, उल्टी, दस्त, सिर दर्द, मुंह सूखना और कमजोरी।