
मानव-वन्य जीव संघर्ष की समस्या का समाधान होने तक विभागीय टीमें तैनात रहेंगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद बहराइच की तहसील महसी के ग्राम सिसैय्या चूरामणि में मानव-वन्य जीव संघर्ष में मृतकों तथा घायलों के परिवारों के साथ भेंट की। इस अवसर पर पीड़ित परिवारों के साथ संवेदना प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार मानव-वन्य जीव संघर्ष में प्रभावित परिवारों के साथ है। पीड़ित परिवारों को हर सम्भव सहायता प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने मानव-वन्य जीव संघर्ष के निवारण के लिए जनप्रतिनिधियों तथा उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने जनपद में मानव वन्य जीव संघर्ष में अब तक की गई कार्यवाही के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये। मुख्यमंत्री जी ने पीड़ित परिवारों को फल एवं मिष्ठान वितरित किए तथा बच्चों को चॉकलेट भी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि घाघरा नदी के कछारी क्षेत्रों में हिंसक वन्य जीवों के हमलों की घटनाओं से वे व्यक्तिगत रूप से अत्यन्त दुखी हैं। घटना की सूचना प्राप्त होने पर उन्होंने वन विभाग के मंत्रियों को प्रभावित क्षेत्र के भ्रमण के लिए भेजा तथा वन विभाग के उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए कि विभागीय टीम के साथ प्रभावित क्षेत्र में जाकर रेस्क्यू ऑपरेशन संचालित कराएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले में संचालित किये जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान अब तक 05 भेड़ियों को पकड़ा जा चुका है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अधिकारियों की टीम शेष भेड़ियों को शीघ्र ही पकड़ लेगी। उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में जंगली जानवर रहते हैं, उन स्थानों पर पानी पहुंच जाने पर जंगली जानवर अन्य स्थानों की ओर प्रस्थान करते हैं
और शिकार की तलाश में यह मानव बस्ती की ओर आ जाते हैं। मानव बस्ती के नजदीक जहां भी इन्हें आसान शिकार मिलता है, तो इस प्रकार के हमले वहां देखने को मिलते हैं।
इस बार भी सरयू नदी में पानी बढ़ने से इसके पूरे क्षेत्र में जल-जमाव की स्थिति जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में उत्पन्न हो गई थी। बहराइच में हुए हमलों के ग्राफ से पता चलता है कि इनका दायरा लगभग 25 कि0मी0 के क्षेत्र में फैला हुआ है। 01 सितम्बर, 2024 के बाद से अब तक कोई जनहानि नहीं हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में वन विभाग की टीमें 04 ड्रोन कैमरों के साथ निगरानी कर रही हैं। जिले में समस्या के समाधान के लिए जनप्रतिनिधि, जिला प्रशासन, वन विभाग तथा अन्य विभागों द्वारा बेहतर समन्वय के साथ कार्य किया जा रहा है।