
कार्य बहिष्कार से पहले पांच हजार बिजली अभियंताओं को नोटिस, बिजली कर्मियों ने कहा- उपभोक्ताओं का साथ लेकर करेंगे आंदोलन
ऊर्जा निगमों के निजीकरण के विरोध में कार्य बहिष्कार की घोषणा पर उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने पांच हजार बिजली अभियंताओं को नोटिस जारी किया है। कॉरपोरेशन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर वे कार्य बहिष्कार में शामिल होते हैं या अन्य को इसके लिए प्रेरित करते हैं तो उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस बीच, बिजली कर्मियों ने कहा कि वे अब उपभोक्ताओं का साथ लेकर 26 मई से आंदोलन शुरू करेंगे।
कॉरपोरेशन ने कहा है कि 20 और 21 मई जो अभियंता शक्ति भवन पर हुए आंदोलन में शामिल हुए थे, उसकी पुष्टि वीडियोग्राफी से कराई जा रही है। कॉरपोरेशन का कहना है कि 29 मई से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की बात कही गई है, इसके मायने हड़ताल ही हैं। इससे प्रदेश की बिजली व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। अगर इस प्रस्तावित कार्य बहिष्कार में अभियंता शामिल होते हैं और इसमें हिस्सा लेने के लिए अन्य को उकसाते हैं और बिजली आपूर्ति में व्यवधान होता है तो इसे समाज विरोधी कार्य मानते हुए कठोरतम विभागीय व विधिक कार्रवाई की जाएगी।
प्रबंधन बना रहा हड़ताल का माहौल
इस बीच, बिजली कर्मियों ने उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रबंधन हड़ताल का माहौल बना रहा है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उप्र ने कहा कि प्रबंधन दमन व उत्पीड़न का सहारा लेकर इस भीषण गर्मी में प्रदेश पर बिजली हड़ताल थोपना चाहता है जबकि संघर्ष समिति की हड़ताल की कोई नोटिस नहीं है। समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि प्रबंधन हड़ताल का हवाला देकर निदेशकों को कार्य विस्तार देने में लगे हैं। निदेशक वित्त निधि नारंग को हड़ताल के नाम पर तीसरी बार कार्य विस्तार दिया गया है। इसके अतिरिक्त उत्पादन निगम के निदेशक तकनीकी, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक वाणिज्य व निदेशक पारेषण को हड़ताल के नाम पर कार्य विस्तार दिलाया गया है।
प्रबंधन से असहयोग करेंगे बिजली अभियंता
ऊर्जा निगमों के बिजली अभियंता उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन से असहयोग करेंगे, जबकि आम उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति का विशेष ध्यान रखेंगे। उप्र राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ की केंद्रीय कार्यकारिणी की रविवार को हुई आपात बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के विरोध में निर्णायक संघर्ष जारी रहेगा। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि कॉरपोरेशन प्रबंधन घाटे का भ्रामक आकड़ा प्रस्तुत कर रहा है, साथ ही, भय व दमन का वातावरण बनाया जा रहा है। अभियंता संघ निजीकरण के किसी स्वरूप में स्वीकार नहीं करेगा। बैठक में संघ के अध्यक्ष संजय सिंह चौहान, महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर समेत अन्य पदाधिकारी शामिल हुए।