
समारोह में कुल 1615 विद्यार्थियों को उपाधियाँ एवं 159 मेधावियों को पदक प्रदान किया गया
प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाध्यक्ष श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय का 11वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। समारोह में विद्यार्थियों को कुल 1615 उपाधियाँ एवं 159 पदक प्रदान किए गए, जिसमें से 59 स्वर्ण पदक, 50 रजत पदक एवं 50 कांस्य पदक शामिल थे। सभी उपाधियों को डिजिलॉकर पर अपलोड किया गया।
समारोह में राज्यपाल जी ने उपस्थित सभी उपाधि एवं पदक प्राप्तकर्ता विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी तथा कहा कि एक अभिभावक के लिए अपने बच्चों का पदक प्राप्त करना, आनंद और गौरव का विषय होता है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों के पीछे माता-पिता को सबसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।
राज्यपाल ने सामान्य वर्ग एवं दिव्यांगजन हेतु विश्वविद्यालय में एक साथ समावेशी शिक्षा की सराहना करते हुए कहा कि दिव्यांगजन एवं सामान्य जनों के लिए अलग-अलग अवार्ड होने चाहिए। उनकी मेरिट भी अलग-अलग होनी चाहिए। राज्यपाल जी ने सभी विश्वविद्यालयों से डिजिलॉकर पर डिग्री के साथ-साथ सभी वर्षों की अंक तालिका भी अपलोड किये जाने के निर्देश दिए।
उन्होंने विश्वविद्यालय में नामांकन, प्रवेश, परीक्षा परिणाम व अन्य विषयों हेतु समर्थ पोर्टल के क्रियान्वयन की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में मध्यस्थों को दूर कर स्वस्थ शैक्षणिक वातावरण बनाना चाहिए।
समारोह के मुख्य अतिथि पद्मश्री, श्री मुरलीकांत राजाराम पेटकर जी का स्वागत करते हुए उन्हें कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा उनके जीवन वृतांत पर आधारित फिल्म को विद्यार्थियों को दिखाया जाए जिससे वे प्रेरित और प्रोत्साहित हो सके।
राज्यपाल ने अपने दीक्षांत उद्बोधन में कहा कि देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का मानना है कि विश्व को बेहतर दिव्यांग समावेशी बनाने हेतु दिव्यांगजनों के लिए समुचित अवसर उपलब्ध कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के भीतर प्रकृति प्रदत्त एक विशिष्ट प्रतिभा और रचनात्मकता होती है।