उत्तराखंड

उत्तराखंड: शिक्षकों के तबादलों में खेल, एक्ट को किया दरकिनार

शिक्षा विभाग में शिक्षकों के तबादलों में खेल हुआ है। विभाग ने तबादला एक्ट को दरकिनार कर अनिवार्य तबादलों की पात्रता सूची में शामिल 1008 शिक्षकों को दुर्गम में बने रहने की छूट दे दी। जबकि अब 605 शिक्षकों के अनिवार्य तबादलों में संशोधन की तैयारी है। जिसमें सुगम से दुर्गम क्षेत्र में तबादला पाने वाले 325 और दुर्गम से सुगम क्षेत्र के 280 शिक्षक शामिल हैं।

माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इन शिक्षकों के उसी श्रेणी के स्कूल में तबादलों में बदलाव के लिए शासन को लिखा है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने वार्षिक स्थानांतरण वर्ष 2023-24 में प्रवक्ता और सहायक अध्यापक एलटी के शिक्षकों के तीन श्रेणियों सुगम से दुर्गम, अनुरोध के आधार पर और दुर्गम क्षेत्र से सुगम में 15 प्रतिशत शिक्षकों के तबादले किए।

विभाग ने दुर्गम से सुगम क्षेत्र में अनिवार्य तबादलों से पहले पात्र शिक्षकों की सूची जारी की। तबादलों के लिए पात्र शिक्षकों के साथ ही स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों की सूची निकाली गई। इस सूची को देखने के बाद 1008 शिक्षकों के दुर्गम में बने रहने के अनुरोध पर विभाग ने इन्हें अनिवार्य तबादलों से छूट दे दी।

तबादला आदेश में बदलाव के लिए शासन को लिखा
इसमें 688 प्रवक्ता, 320 सहायक एलटी शामिल हैं, जबकि सुगम से दुर्गम में 325 शिक्षकों के अनिवार्य तबादलों का आदेश जारी होने के बाद विभाग अब इन शिक्षकों के इसी श्रेणी के स्कूलों में किए तबादले को बदलने की तैयारी में है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने सुगम से दुर्गम में तबादला पाने वाले 70 प्रवक्ताओं और 255 सहायक अध्यापक एलटी शिक्षकों के तबादला आदेश में बदलाव के लिए शासन को लिखा है।

अनिवार्य तबादलों पर शिक्षकों को चाहिए मनचाही जगह
माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने शासन को लिखे पत्र में कहा, दुर्गम से सुगम क्षेत्र में 110 प्रवक्ता और 170 एलटी शिक्षकों के तबादले किए गए, लेकिन इन शिक्षकों ने जिस स्कूल का विकल्प मांगा था, वहां पद खाली नहीं था।

इस पर इन शिक्षकों के विकल्पित स्कूल के स्थान पर दूसरे स्कूलों में तबादले किए गए, लेकिन इन शिक्षकों ने उनकी ओर से विकल्पित स्कूल न मिलने पर अब दुर्गम क्षेत्र में ही बने रहने का अनुरोध किया है।

क्या कहता है तबादला एक्ट
तबादला एक्ट के मुताबिक, कार्मिक तबादला आदेश जारी होने के एक सप्ताह के भीतर प्रतिस्थानी का इंतजार किए बिना पदभार ग्रहण करेगा। कार्मिक के नए तैनाती के स्थान पर पदभार ग्रहण न करने पर उनके खिलाफ धारा 24 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। यदि तबादला आदेश में किसी तरह की कोई गलती है।

तो तबादला आदेश जारी होने के तीन दिन के भीतर तबादला करने वाले अधिकारी से एक स्तर उच्च अधिकारी के यहां एक सप्ताह के भीतर ऐसे प्रत्यावेदनों का निपटारा करना होगा, लेकिन शिक्षा विभाग के तबादला आदेश के दो माह बाद भी ऐसे प्रत्यावेदनों का निपटारा न होने से विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। शासन में 12 सितंबर को इस संबंध में बैठक रखी गई है।

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