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देवेंद्र फडणवीस की पत्नी को रिश्वत की पेशकश, पुलिस ने अदालत में कहा- उपमुख्यमंत्री थे निशाना

मुंबई – महाराष्ट्र पुलिस ने राज्य के उपमुख्यमंत्री की पत्नी अमृता को रिश्वत देने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार डिज़ाइनर अनिष्का जयसिंघानी को शुक्रवार को एक अदालत में पेश कर हिरासत में भेजने की मांग करते हुए कहा कि इसका अंतिम मकसद देवेंद्र फडणवीस को ‘फंसाना’ था। अनिष्का जयसिंघानी को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डी डी अलमाले के समक्ष पेश किया गया था। जिन्होंने उसे 21 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।

पुलिस ने कहा कि आरोपी ने छेड़छाड़ की गई “वीडियो को प्रसारित करने की धमकी देकर” अमृता से 10 करोड़ रुपये की उगाही करने की भी कोशिश की है। और इसलिए पुलिस ने अनिष्का जयसिंघानी और उसके पिता अनिल जयसिंघानी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 385 (जबरन वसूली के लिए किसी व्यक्ति को क्षति का भय दिखाना) भी लगाई है।

डिजाइनर को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया था। जबकि मामले में आरोपी उसका पिता फरार है। अमृता फडणवीस की शिकायत पर मालाबार हिल थाने ने 20 फरवरी को मामला दर्ज किया था। आईपीसी की धारा 120-बी (साज़िश) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत भी उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

मुख्य लोक अभियोजक जयसिंह देसाई ने अदालत को बताया कि फोटो, वीडियो और अन्य साक्ष्य से पता चलता है कि “सूचना देने वाली (शिकायतकर्ता अमृता फडणवीस) और अंततः लोक सेवक” (देवेंद्र फडणवीस) को फंसाने की साजिश थी। उन्होंने कहा कि आरोपी “लोक सेवक के कार्यालय का उपयोग” करना चाहते थे। अभियोजन पक्ष ने कहा कि ब्लैकमेल करने के लिए फोटो और तीन-चार वीडियो छेड़छाड़ कर (मॉर्फ्ड) बनाए गए थे। अभियोजन ने दावा किया कि अमृता द्वारा उसका नंबर ब्लॉक करने के बाद, अनिष्का ने उसके पास मौजूद सामग्री को डिलीट करने के लिए 10 करोड़ रुपये की मांग की और पैसा न देने पर उन वीडियो को प्रसारित करने की धमकी दी।

उसने कहा कि जिस फोन से ये संदेश भेजे गए थे। वह अभी बरामद नहीं हुआ है। पुलिस ने अनिष्का की सात दिनों की हिरासत की मांग करते हुए कहा कि अनिष्का अपने पिता के लगातार संपर्क में थी जो 17 आपराधिक मामलों का सामना कर रहा है। अनिष्का की ओर से पेश वकील मिलन हेबाले ने दलील दी कि अनिल जयसिंघानी के खिलाफ 17 मामलों में से 13 का “निपटान” (बंद) हो चुका है। वकील ने यह भी सवाल किया कि जब 20 फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। तो अब गिरफ्तारी क्यों की गई है? उन्होंने कहा कि अनिष्का कानून की छात्रा है। और उसकी परीक्षा चल रही है। लिहाज़ा उसे कम अवधि के लिए पुलिस हिरासत में भेजा जाए।

अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अनिष्का को 21 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस को दिए अपने बयान में अमृता ने कहा कि वह अनिष्का से पहली बार नवंबर 2021 में मिली थीं। पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, अनिष्का ने दावा किया कि वह कपड़ों, ज़ेवरात और जूते-चप्पलों की डिजाइनर हैं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता की पत्नी से आग्रह किया था कि वह सार्वजनिक कार्यक्रमों में उसके द्वारा डिजाइन की गई इन चीज़ों को पहना करें ताकि उसे अपने उत्पादों का प्रचार करने में मदद मिल सके।

प्राथमिकी के मुताबिक, अमृता का विश्वास हासिल करने के बाद, अनिष्का ने कुछ सटोरियों के बारे में जानकारी दी और दावा किया कि इससे वे पैसे कमा सकते हैं। प्राथमिकी के अनुसार, इसके बाद उसने अपने पिता को पुलिस मामले में बचाने के लिए अमृता को सीधे तौर पर एक करोड़ रुपये की पेशकश की। अधिकारी ने कहा कि अमृता ने पुलिस को बताया कि वह अनिष्का के व्यवहार से परेशान थीं और उन्होंने उसका नंबर ब्लॉक कर दिया। इसके बाद महिला ने कथित तौर पर अमृता को एक अज्ञात नंबर से वीडियो क्लिप, वॉयस संदेश और कई लिखित संदेश भेजे।

 

 

(NW News Agency)

जिसका प्रत्येक लेख बहस का मुद्दा है.

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