
कच्चा भोजन अमृत है
#भोजन_से_इलाज।
#कच्चा_भोजन_अमृत_है
आपकी बीमारियां दरअसल आपके भोजन के स्वभाव के कारण हैं, नियमित व संयमित भोजन से आप अपने शरीर की तमाम विकृतियों को दूर कर सकते हैं।
शरीर को निरोग रखने के लिए आदिकाल में बिना पका भोजन की परंपरा थी जिसके तहत लोग वर्ष में 3 माह कच्चा खाद्य को भोजन में इस्तेमाल करते थे।
एक प्रकार से ये 3 माह का भोजन अनुष्ठान चलता था जिसमे सिर्फ वही भोजन किया जाता है जिसे आग से पकाया न गया हो, अर्थात फल, दूध, मेवे, कच्ची खाने वाली सब्जियों ,जैसे गाजर, चुकंदर प्याज, लहसुन, खीरा, टमाटर, गोभी इत्यादि, पानी मे भिगाया अनाज जैसे चना मूंग, गेंहू, व सलाद पत्तियां होते हैं।
इस भोजन में बकायदे सुबह के नाश्ते, दोपहर व रात्रि भोजन के लिए अलग अलग आइटम होते हैं, जिससे आपको ऐसा न लगे कि दिनभर एक ही वस्तु खाकर ऊब रहे हैं।
आप 3 माह न सही 1 सप्ताह इस प्रक्रिया को अपना कर देखे, आपको शारीरिक व मानसिक दोनों तरह की शांति प्राप्त होगी इस भोजन का परिणाम जानने के लिए यह व्रत शुरू करने से पूर्व अपना शुगर, बी पी के अलावा अन्य कोई विकृति हो तो उसकी भी जांच करा लें व व्रत के बाद पुनः कराए, परिणाम आपको साफ दिखेगा।