विविध
जीवन जीने की कला है Yoga : डॉ नीलम महेन्द्र
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो देश सदियों से योग विद्या का साक्षी रहा है उस देश के अधिकांश युवा आज आधुनिक जीवन शैली और खान पान की खराब आदतों के कारण कम उम्र में ही मधुमेह और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
लेकिन अच्छी बात यह है कि योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करके, अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनाके, न सिर्फ इन बीमारियों से जीता जा सकता है। बल्कि स्वयं को शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों में स्वस्थ भी रखा जा सकता है।
और किसी भी देश के लिए इससे बेहतर कोई सौगात नहीं हो सकती कि उसके युवा स्वास्थ्य, स्फूर्ति,जोश और उत्साह से भरे हों। तो आगे बढ़िए, Yoga को अपने जीवन में शामिल करिए और देश की तरक्की में अपना योगदान दीजिए।
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