एडीटोरियल

Twitter पर ट्रम्प का एकाउन्ट बन्द करना क्रूरतम घटना

Twitter (सोशल नेटवर्किंग साइट) पर अमेरिका के राष्ट्रपति रीयल ट्रम्प का खाता बन्द करने की हरकत को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। Twitter के एक कर्मचारी जो कि जिस दिन वह नौकरी छोड़ रहा था उसी दिन एक देश के राष्ट्रपति का एकाउन्ट बन्द कर देता है। इतना बड़ा दुस्साहस है कि इसकी तुलना मसूद अजहर बगदादी अथवा लादेन की हरकतों से की जाये तो उससे कम नहीं है।

मसूद अजहर बगदादी तो अपने कृत्यों के लिए मशहूर है, कि वो एक आतंकवादी है। और आतंकी घटनाओं को अंजाम देता है। लेकिन किसी संस्थान में कार्य करने वाले कर्मचारी की अपनी सीमाएं होती हैं। वो कम्पनी का मालिक नहीं है, कि जो चाहे कर ले। इसी के विपरीत किसी कम्पनी का मालिक भी जो चाहे वो नहीं कर सकता।

https://northindiastatesman.com/2017/11/04/chanakya/

पब्लिक डोमेन में होने के कारण वह भी नियम-कायदों से बंधा होता है। Twitter को विश्वभर में चलाने वाली कम्पनी भी ऐसा नहीं कर सकती कि पिक-एण्ड-चूज के तहत किसी का एकाउन्ट खोले और किसी को मना कर दे। जब तक वह व्यक्ति ट्विटर के नियम-कायदों के विपरीत कार्य ना कर रहा हो।
कम्पनी किसी आतंकी का एकाउन्ट खोलने से मना कर सकती है। अथवा किसी आतंकी के खुले एकाउन्ट को बन्द कर सकती है। लेकिन अमेरिका जैसे देश के सम्मानित राष्ट्रपति का एकाउन्ट बन्द करने का कृत्य, दुस्साहसिक है। जिसकी जिम्मेदारी Twitter कम्पनी को लेनी ही होगी। इस कृत्य के लिए उस कर्मचारी के खिलाफ क्रिमिनल-एक्ट के तहत एफ०आई०आर० दर्ज कराते हुए कार्रवाई की जानी चाहिए।

Twitter कम्पनी को उस कर्मचारी के फोटो एवं नाम सहित, उसके द्वारा किये गये कृत्य की सार्वजनिक सूचना प्रसारित करानी चाहिए। जिसमें अंकित हो कि इसके ऐसे कृत्य के लिए उसके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई चालू है, और उसे कोई भी संस्थान, अमेरिका का हो अथवा किसी अन्य देश का अपने यहां नौकरी पर ना रखे।

यू०एस०ए० द्वारा इस व्यक्ति के खिलाफ देश से बाहर जाने पर भी रोक लगा देनी चाहिए। यह कृत्य कत्ल किये जाने से भी गम्भीर है। इस पर रोक ना लगी तो कम्पनियों में अफरा-तफरी मच जायेगी, अनुशासन नाम की कोई व्यवस्था ही नहीं रह जायेगी तथा जिस कर्मचारी के जो मन में आयेगा, वो करेगा। ऐसे में तो बैंक का कर्मचारी जिसको चाहेगा, उसको उसके जमा पैसे देगा, नहीं चाहेगा तो नहीं देगा।

जिस खाताधारक का चेक क्लीयर करना चाहेगा करेगा। नहीं चाहेगा, नहीं करेगा। इस तरह तो दरोगा, डीजी के आदेश के विरुद्घ कार्य करेगा और अफसर मंत्री के खिलाफ। Twitter के कर्मचारी द्वारा की गई इस हरकत के लिए ट्विटर कम्पनी को प्रताडि़त किया जाना चाहिए अन्यथा तो ऐसी हरकतें मजाक बनकर रह जायेंगी।

रही बात लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर ऐसे कर्मचारी को नोबल पुरस्कार दिये जाने की वासरल खबरों की। तो वह दिन दूर नहीं जब मसूद अजहर बगदादाी को भी नोबल पुरस्कार दिये जाने की सिफारिश, Twitter और फेसबुक पर होने लगेगी।

https://northindiastatesman.com/2017/10/24/us-out-of-unesco-israel-follows-suit/

विश्व के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के राष्ट्रपति का Twitter एकाउन्ट 11 मिनट तक बन्द रहना गम्भीर चिन्ता का विषय है। इसकी जितनी भर्त्सना की जाये कम है। इसी के साथ यह एक कर्मचारी की सीमा बताने और प्रबन्धतंत्र का मजाक बनाने का भी प्रश्न है।

ऐसे कृत्यों से तो पूरा सिस्टम चरमरा जायेगा। बहुतेरे सीरीयस एवं सीक्रेट मैटर से जुड़े कर्मचारी, फिर तो जो चाहेंगे, करेंगे, और लोग नोवल पुरस्कार की मॉंग करेंगे। यदि ऐसा ही कृत्य ट्विटर का कर्मचारी नार्थ-कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग के खिलाफ करे तो उसे ज्ञात होगा कि उसने क्या किया।

क्योंकि इसका परिणाम उस कर्मचारी को अपनी जान देकर चुकाना पड़ेगा। बहरहाल उस कर्मचारी का कृत्य माफी योग्य कदापि नहीं हैं।

सतीश प्रधान

 

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