एडीटोरियलट्रिगर न्यूज
पीड़ित महिलाओं के पक्ष में Triple Talaq बिल संसद में पेश
तलाक की इस बढ़ती प्रवत्ति पर तुलसी जैसे वकील महोदय सजा को नाकाफी करके कैसे रोक लगायेंगे। सजा का प्राविधान रखा ही इसलिए जाता है कि उससे व्यक्ति डरे और आगे से ऐसा कार्य ना करे।
जुर्माने और अधिक जुर्माने की व्यवस्था भी कानून में इसीलिए की जाती है कि किसी एक्ट के बदले जुर्म करने वाले को यदि ये डर होगा कि उसने यदि कानून के विरूद्ध कुछ किया तो उसके बदले में भारी जुर्माना देना होगा तो वैसा करने से वो डरेगा।
Triple Talaq बिल पर आॅल इण्डिया पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि मुस्लिम पक्ष की राय क्यों नहीं ली गई? महिलाओं की परेशानी बढ़ानेवाला है ये बिल। शरीयत के ख़िलाफ़ है, तीन तलाक़ बिल।……….जारी
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