एडीटोरियलट्रिगर न्यूज
पीड़ित महिलाओं के पक्ष में Triple Talaq बिल संसद में पेश
परम्पराओं पर नियम और कानून बनते रहे हैं। लेकिन जिस तेजी से विकास हो रहा है, उसी परिप्रेक्ष्य में यदि कानून को विकसित और परिभाषित नहीं किया गया और रूढ़िवादिता पर टिकी परम्पराओं पर ही भविष्य को संवारने की कोशिश की जाती रहेगी तो सोशल सिस्टम का ढ़ांचा ही चरमरा कर गिर जायेगा।
विकास का कतई मतलब ये नहीं कि आप ताकतवर होते जाईये। कमजोर पर अत्याचार करते जाईये और दूसरे पक्ष को पीड़ित करते हुए धकेलते जाईये।
इस देश में यदि पुरूष विकसित होने की लाइन में आगे खड़ा है, इसका मतलब ये नहीं कि वह महिला को दोयम दर्जे का समझे और उसे अपना गुलाम समझते हुए, जब चाहे घर से बाहर निकाल दे या कहिये Triple Talaq दे दे।……….जारी
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