लेकिन लीक किये गये इन आधार नम्बरों पर कोई फ्राड नहीं होगा इसकी गारन्टी कौन लेगा? क्या ये जनता की प्राइवेसी का मामला नहीं है? यदि है तो इसको बैंक खातोें से जोड़ने का क्या मतलब?और यदि ये कस्टमर की प्राइवेसी का मामला है तो बगैर उसकी इच्छा और उसकी चाहत के ये जोर जबरदस्ती क्यों और किसके लिए?
सरकार से हमारा कहना है कि जोड़िए उनके खाते, जिनको सरकार की लाभकारी योजनाओं की आवश्यकता है। जो बीपीएल कैटेगरी में आते हैं। जिनको सरकार से फ्री में सिलेण्डर चाहिए। जिनको सरकार से फ्री में पन्द्रह लाख अपने खातों में चाहिए।
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