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सभी की भागीदारी से देश के सभी शहरों को स्मार्ट बनाना हैः Vice President

रांची। Vice President एम वेंकैय्या नायडू ने कहा कि देश के सभी लोगों की भागीदारी से सभी शहरों को स्मार्ट बनाना है और इसमें ‘रांची स्मार्ट सिटी’ एक ‘लाइट हाउस’ का काम करेगा। उपराष्ट्रपति ने झारखंड की राजधानी रांची में ‘रांची स्मार्ट सिटी’ के भूमि पूजन कार्यक्रम के बाद कहा, ‘‘केवल रांची के स्मार्ट सिटी बन जाने अथवा देश में सौ स्मार्ट सिटी के निर्माण से बहुत फर्क नहीं पड़ेगा। इसलिए देश में हर एक शहर को स्मार्ट बनाना है।

उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए जन भागीदारी आवश्यक है और यदि सबको साथ लेकर कार्य किया जायेगा तो देश के सभी शहरों को स्मार्ट बनाया जासकेगा। उन्होंने कहा, ‘‘रांची देश की पहली ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी होगी जहां आईटी, ब्यूटी, ड्यूटी और सिक्योरिटी सब कुछ उपलब्ध होगा जिसके चलते यह न केवल झारखंड बल्कि समस्त देश के लिए ‘लाइट हाउस’, प्रेरणास्रोत का काम करेगा।’’ नायडू ने कहा, ‘‘ देश में अब स्थिति बदलनी चाहिए। बिजली आये कभी और जाये कभी, इस तरह का पुराना जमाना नहीं होना चाहिए। सभी स्थानों पर और घरोंमें चौबीस घंटे बिजली रहनी ही चाहिए।

उन्होंने कहा कि दुनिया के अनेक देश में इस तरह की स्थिति पहले से तो आखिर भारत पीछे क्यों रहे? यही सोचकर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह सबनयी योजनाएं लायी हैं। उन्होंने अधिकारियों से स्मार्ट सिटी को इस प्रकार विकसित करने को कहा जहां अशुद्ध पानी का पुनर्चक्रण हो और उससे प्राप्त जल का उपयोग बगीचों, कारखानों जैसे पीने से इतर उद्देश्यों के लिए किया जा सके। जहां कुछ इलाकों को विकसित देश की तर्ज पर ‘यातायात रहित क्षेत्र’ घोषित किया जाये। सौर उर्जा का अधिकाकि उपयोग और उर्जानुकूल सड़क की बत्तियां हों। अपषिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था हो।

उत्तम शिक्षा, सुचारु यातायात और स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध हो। स्मार्ट सिटी में अलग पार्किंग स्थल होना चाहिए। मौसम के वैज्ञानिक पूर्वानुमान की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए स्थानीय नेता और प्रदेश के नेता का भी स्मार्ट होना आवश्यक है और झारखंडवासी भाग्यशाली हैं कि उनके पासरघुवर दास एवं सीपी सिंह का स्मार्ट नेतृत्व है। नायडू ने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए केन्द्र सरकार के प्रारंभिक पांच सौ करोड़ रुपये और स्थानीय निकाय द्वारा एकत्रित पांच सौ करोड़ रुपये मिलाकर कुल एक हजार करोड़ रुपये से कुछ नहीं होना है। इसीलिए केंद्र की स्मार्ट सिटी को सार्वजनिक निजी साझेदारी से बनाने की योजना है।

नायडू ने वाजपेयी सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में अपनी भूमिका को याद करते हुए कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयीने उनकी सलाह को मानते हुए ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना प्रारंभ की जिसके चलते आज देश के सभी गांव सड़कों से जुड़े हुए हैं और वहां डाक्टर, शिक्षक, उद्योगपति से लेकर कलेक्टर एवं नेता तक पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि वाजपेयी ने 1998 से 2004 के अपने कार्यकाल में देश में जो स्वर्णिम चतुर्भुज योजना प्रारंभ की थी आज उसी के चलते देश में सड़कमार्गों की स्थिति इतनी अच्छी है। नायडू ने कहा, ‘‘वाजपेयी सरकार से पहले पचास वर्षों में नो वे की स्थिति थी जबकि वाजपेयी के कार्यकाल में फोर वेबना जिससे देश में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए।

 

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