दुनिया में सबसे पहले भारत में कोरोना के टीके की बढ़ती उम्मीदें
उम्मीद बेवजह नहीं है। भारत में पुणे में स्थित निजी उपक्रम, सीरम इन्स्टीच्यूट आफ इन्डिया दुनिया का सबसे बड़ा और भरोसेमन्द टीका उत्पादक प्रतिष्ठान है जहां से प्लेग, पोलियो, टीबी, टेटनस जैसी कई अन्य संक्रामक बीमारियों के टीकों का औद्योगिक स्तर पर उत्पादन होता रहा है। इसीने अब नये कोरोना वायरस के टीके को शीघ्रातिशीघ्र बाजार में उतारने की कमर कस ली है।
आईये इस खुशखबरी के विस्तार में जाने से पहले सीरम इन्स्टीच्यूट आफ इन्डिया के बारे में जान लें क्योंकि बहुत से लोग इसके बारे में अनभिज्ञ हैं। पुणें में स्थित यह अत्याधुनिक टीका संस्थान दरअसल एक भारतीय धन कुबेर की पारिवारिक सम्पत्ति है। साईरस पूनावाला समूह(परिवार) इसे संचालित करता है। वर्ष 1967 में स्थापित दुनिया का यह सबसे बड़ा टीका उत्पादक संस्थान बन चुका है।
भारत ही नहीं विश्व के एक सौ सत्तर देशों जिनमें गरीब देशों की संख्या ज्यादा है यहीं से कई संक्रामक रोगों के टीके आपूर्त किये जाते हैं। इसके चेयरमैन डा. साईरस एस पूनावाला हैं जो कभी घोड़ों के बड़े व्यापारी हुआ करते थे। घुड़दौड़ के रेस के अव्वल घोड़ों के प्रजनन का यह व्यवसायी अब दुनिया के कोरोना उत्पादन की होड़ में भी आगे है।
पूनावाला आश्वस्त करते हैं कि उनका संस्थान डेढ़ अरब टीका बनाने की क्षमता रखता है और जैसे ही आक्सफर्ड की वैक्सीन का ट्रायल नवंबर के जाते जाते पूरा होता है वे बाजार में यह टीका उतार देंगे। इसकी सारी तैयारी मुकम्मल हो चुकी है। उधर ट्रायल पूरा इधर वैक्सीन बाजार में।
साईरस पूनावाला के इकलौते पुत्र मिस्टर अडर सी पूनावाला इस संस्थान के ऊर्जा से भरपूर युवा सीईओ हैं। उनके अनुसार आक्सफर्ड से प्राप्त कोरोना विषाणु के अवयवों से इन्होंने वैक्सीन का निर्माण प्रारंभ भी कर दिया है जिससे ट्रायल के बाद तनिक भी देरी इसकी आपूर्ति में न हो। इन्स्टीच्यूट ने आक्सफर्ड से करार के पश्चात पांच सौ डोज प्रति मिनट टीके उत्पादन की क्षमता प्राप्त कर ली है।
और इनका फोन हर वक्त घनघनाता रहता है। दुनिया देश के हर कोने से इन तक सबसे पहले वैक्सीन पाने की फरियाद आ रही है। जिनमें कई देशों के प्रधानमंत्री और बड़े ओहदे के राजनेता, इष्ट मित्र सब शामिल हैं। अडर पूनावाला ने एक बयान में कहा है कि वे करोड़ों वैक्सीन वायल में से आधी तो भारत के लिये रिजर्व रखेंगे और शेष बाकी देशों के लिये रहेंगी।
आपको ज्ञात होगा कि आक्सफर्ड विश्वविद्यालय की टीम वैक्सीन निर्माताओं की अगली कतार में है और यहां वैक्सीन का फेज तीन का ट्रायल शुरु हो चुका है। अन्य कंपनियों में जान्सन ऐंड जान्सन, फाईजर, सनोफी, अस्ट्राजेनेका आदि हैं। अस्ट्राजेनेका आक्सफर्ड वैक्सीन की लीड पार्टनर भी है। इसीसे सीरम इन्स्टीच्यूट आफ इन्डिया की करार भी है।
मगर यदि आक्सफर्ड वैक्सीन का ट्रायल फेल हुआ तो? सीरम इन्स्टीच्यूट के सीईओ का कहना है कि वे अन्य कम्पनियों से भी डील कर रहे हैं। जो भी वैक्सीन ट्रायल में पास होगी उसीका ये करोड़ों वायल तुरत फुरत तैयार कर बाजार में उतार देने की सारी तैयारी पूरी कर चुके हैं।
सीरम इन्स्टीच्यूट आफ इन्डिया की विश्व साख बहुत अच्छी है। पूरी उम्मीद है कि नवंबर माह के अन्त तक कोरोना वैक्सीन आ जायेगी। तब तक देशवासियो, इष्ट मित्रों से अपील हैं कि वे पर्याप्त सावधानी बरतें। भीड़भाड़ वाली जगहों, माल अस्पताल शादी व्याह मरनी करनी के आयोजनो से बचें।