इस सजा का भी जब खौफ नहीं दिखाई दे रहा है, तो ऐसी नाकाफी सजा के क्या मायने? सजा और हर्जाना ज्यादा होना चाहिए था। हर्जाने की रकम कुछ तो निर्धारित की ही जानी चाहिए थी।
विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद अब ऐसे पतियों को जेल की हवा खानी पड़ेगी जो एक बार में Teen Talaq का इस्तेमाल करेंगे। लेकिन इससे कितना सुधार हो पायेगा, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।
नागफनी थाना क्षेत्र के दौलतबाग निवासी वरीशा का निकाह मुगलपुरा के लालबाग निवासी शाहनुल हक से हुआ था। शादी के बाद कुछ दिन तक तो सबकुछ ठीक-ठाक रहा। उसके बाद ससुराल वाले मायके से दस लाख रुपये नकद लाने की मांग करने लगे।
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