PanchTantra-टका नहीं तो टकटका भाग-5
पिछले अंक, PanchTantra-टका नहीं तो टकटका भाग-4 में आपने पढ़ा कि……….
एक तरह से साथ के व्यापारी सही भी थे। बैल को बचाने के लिए आदमियों का जान चली जाए तो यह भावुकता महंगी पड़ेगी। जान और माल (Goods) तो वर्धमान का भी खतरे में था। वर्धमान की समझ…