चाहकर भी भूल न पायेगा यह देश तिलक को
स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा" जैसा प्रेरक उदबोधन देने वाले लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को क्या देश भूल रहा है? अगर भूला नहीं भी है तो कम से कम देश उनकी 100 वीं पुण्य़तिथि पर उन्हें सही ढंग से स्मरण तो नहीं ही किया।…