मानवता की मूर्ति सावला जैसे लोग ही हैं।
करीब तीस साल का एक युवक मुंबई के प्रसिद्ध टाटा कैंसर अस्पताल के सामने फुटपाथ पर खड़ा था।
युवक उस अस्पताल की सीढिय़ों पर मौत के द्वार पर खड़े मरीजों को बड़े ध्यान से देख रहा था, जिनके चेहरों पर दर्द और विवशता का भाव स्पष्ट नजर आ रहा था।!-->!-->!-->…