फर्जी आंकड़ों पर आधारित सी वोटर/एबीपी का सर्वे
बिहार में मतदाताओं को ओपिनियन पोल नामक फ़्रॉड से प्रभावित करने की कोशिश…
बिहार वालों होशियार, ख़बरदार…
एबीपी और सीवोटर ने बिहार का चुनावी सर्वे जारी किया है, जिसके मुताबिक़ बिहार में एनडीए की सरकार यानी जेडीयू-बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। यह भी बताया गया है कि बीजेपी की सीटें जेडीयू से ज्यादा आयेंगी यानी नीतीश कुमार पहले जैसे प्रभावी नहीं रहे।
लेकिन यह सर्वे फ़्रॉड है। अभी इस तरह के कई और फ़्रॉड सर्वे आयेंगे।
पूछिए कैसे?
2019 में एबीपी न्यूज़ और सीवोटर ने हरियाणा विधानसभा में बीजेपी को 90 में से 80 सीटें मिलती दिखाई थीं। लेकिन हरियाणा में हुआ क्या…बीजेपी को बहुमत नहीं मिला और उसने जेजेपी को पटाकर हरियाणा में किसी तरह सरकार बनांई।
इसी एबीपी और सी वोटर ने पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी को क्लीन स्वीप बताया था। लेकिन अनुमान ग़लत साबित हुआ। एबीपी और सीवोटर ने अभी तक अपने इन अपराधों के लिए जनता से माफ़ी नहीं माँगी।
ये लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं?
यह बहुत बड़ा खेल है। यह बहुत बड़ी साज़िश है।
सारे टीवी सर्वे में जब बताया जाएगा कि बिहार में एनडीए बहुत आगे है या जीत रही है तो इससे ईवीएम मशीनों को प्रभावित करने पर कोई सवाल नहीं उठाएगा। सब लोग सर्वे की वजह से नतीजों को सही मान लेंगे।
जानते हैं सीवोटर का मुखिया कौन है?
यशवंत देशमुख है। इस शख़्स की कंपनी ने आजतक जितने भी सर्वे किये हैं उसमें बीजेपी हर सर्वे में आगे बताई जाती है। इसी तरह मोदी की लोकप्रियता भी चरम पर यह कंपनी बताती है।
जैसे रिपब्लिक टीवी ने फर्जी टीआरपी बनाई, वैसे ही इनका खेल है। ये सब गोदी मीडिया है। ये ऐजेन्ट हैं। ये झूंठ और नफरत फैलाते हैं। 80,00,00,000 करोड़ दर्शक के लिए मात्र तीस हजार दर्शक के दर्शन पर वो भी माहवारी पैसे देकर ये दिखाते हैं कि सबसे ज्यादा टीवी देखने वाले दर्शक रिपब्लिक टीवी के पास हैं, जबकि इनके पास होते हैं, मात्र 10-15 हजार दर्शक।
अब आप ही सोचिए पागल के साथ कौन खेलेगा? पागल ही ना। आप एक बात ध्यान से समझ लीजिए जो ये कहें, उसका उल्टा समझिये। आप सुकून से होंगे और ये परेशान, क्योंकि ये अपने ही जाल में आपको फंसे दिखाई देंगे।
2014 में एक स्टिंग ऑपरेशन में सामने आया था कि सीवोटर समेत कई एजेंसियाँ चुनावी सर्वे को तोड़ने-मरोड़ने के लिए पैसे लेती हैं। यह सर्वे जब टीवी और अख़बारों पर जाता है तो वहाँ विज्ञापनों के जरिए रिश्वत दी जाती है। जिसकी सत्ता होती है उस पार्टी से मिलकर यह खेल-खेला जाता है।
तो बिहार के मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए एबीपी और सीवोटर ने आज रात यह घिनौना खेल खेला है।
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बिहार की जनता और वहाँ के मतदाता सावधान हो जाएँ।
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मीडिया को कूड़ेदान में डालकर वोट करने जायें।
(यूसुफ किरमानी की फेसबुक वॉल से)