विविध
Stock market crash: ब्लैक मार्केटिंग का बाजार धड़ाम
इसके आगे समझें कि प्रशासन का पड़ गया छापा:- फिल्म शुरू होने से पहले प्रशासन और मनोरंजन विभाग का पड़ गया छापा। छापा पड़ते ही ब्लैक करने वाले हो गये नौ-दो ग्यारह और जिन्होंने ब्लैक में टिकट लिया था, वे भी मारे डर के फिल्म देखना छोड़कर भाग गये।
फिल्म शुरू हुई तो हॉल में सिर्फ 10 प्रतिशत लोग ही थे, जिन्होंने टिकट विण्डो से टिकट लिए थे। तो जनाब 90 प्रतिशत पैसे किसके डूबे? उन दर्शकों के और ब्लैक करने वालों के। यहॉं समझने की बात यह है कि घाटा ना तो फिल्म प्रोड्यूशर का हुआ और ना ही पिक्चर हाल वाले (Stock market) का। घाटा हुआ सिर्फ दर्शक यानी जनता का।
ठीक यही हॉल होता है (Stock market) शेयर खरीदने वालों का। कम्पनी का असतित्व ही नहीं और शेयर बिकते हैं प्रीमियम पर। आखिरकार कोई अपनी प्रोफिट वाली फर्म का भागीदार किसी को क्यों बनायेगा? फायदा देने के लिए तो कतई नहीं बनायेगा। हॉं बेवकूफ बनाने के लिए अवश्य बनाता है, और वही ये शेयर बाजार करते हैं।
राज्यों से जुड़ी हर खबर और देश-दुनिया की ताजा खबरें पढ़ने के लिए नार्थ इंडिया स्टेट्समैन से जुड़े। साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप को डाउनलोड करें।