विविध

रवीन गांधी, अमरीका छोड़ो भारत लौटो

अन्तिम किश्त

सीमा से परे जाकर लेख लिखने वाले रवीन गांधी (Raven Gandhi) के खिलाफ परोशी जा रही नस्ली टिप्पणी/नफरत भरे संदेश वास्तव में ये सिद्ध करते हैं कि उन अमेरिकन्स में देशभक्ति  है और वे अपने देश को अपने से भी ज्यादा प्यार करते हैं, मान देते हैं, सम्मान देते हैं, अमेरिकन्स के लिए देश पहले है, अपना घर, सुख-चैन, बाद में, जबकि भारतीयों के लिए अपना घर पहले है, देश बाद में।
 इसलिए भारतीयों के लिए ऐसी घड़ी आ गई है कि, वे अपना सबकुछ बेस्ट देने के बाद भी नस्ली टिप्पणी झेलने और जूते खाने को मजबूर हैं। कुछ टिप्पणीयों को यहां उघृत किया जाना अपरिहार्य है। जैसे कि एक महिला ने अपने वॉयस मेल में रवीन गांधी के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया और कहा कि अपना कूड़ा समेटो और भारत चले जाओ और अपने साथ निक्की हेली को भी लेते जाओ।
Raven Gandhi, leave the US
Raven Gandhi, leave the USनिक्की हेली संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की दूत हैं। उन्हें राजदूत किस उद्देश्य से बनाया गया, ये तो अमेरिका ही जाने, लेकिन इतना सत्य है कि उसने अपने फायदे के लिए ही बनाया होगा। अमेरिकन जानते हैं कि भारतीय, गुलामी मानसिकता के लोग हैं, उनके जीन्स में गुलामी कूट-कूट कर भरी है. वे किस बिना पर हमारे ही देश का खाकर-पीकर हमारे ही श्वेत राष्ट्रपति की नीतियों का विरोध कर रहे हैंl
Raven Gandhi, leave the US
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अमेरिका में नस्ली भेदभाव की घटनाओं में इजाफा होना परिलक्षित है। यदि समय रहते भारतवंशियों ने स्वंय से अमेरिका नहीं छोड़ा तो कुछ ही दिनों में उन्हें अमेरिका को  वैसे ही छोडऩा पड़ेगा जैसे लोगो को सीरिया छोड़ना पड़ रहा  हैं। उनकी सारी पूंजी, चल/अचल सम्पत्ति वहीे रह जाएगी और भारत वापस लौटना भी उनके लिए सम्भव नहीं हो पायेगा।
Raven Gandhi, leave the US
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किसी भी देश का प्रधानमंत्री/राष्ट्रपति वही नीति बनाता है और लागू करता है, जो उसके लिए मुफीद होती है, जो उसे सत्ता में ज्यादा दिनों तक टिकाये रहने में मददगार होती है। रवीन गांधी भी अपनी कम्पनी में उसी नीति को अपनाते होंगे, जो उनके लिए मुफीद हो। वे उन कर्मचारियों के भले की नीति तो बनाते नहीं होंगे। दूसरे उन्हीं के अधीन काम करने वाला, भले ही वह कम्पनी का प्रबन्ध निदेशक बना दिया गया हो, रवीन गांधी को ये तो कतई अच्छा नहीं लगेगा कि वो प्रबन्ध निदेशक, रवीन गांधी की नीति की कटु अलोचना करें। ऐसा करने का क्या मतलब होता है, ये रवीन गांधी को आज नहीं तो कल समझना ही होगा।
वैश्विक परिवेष में ऐसी टिप्पणीयों को निर्विकार भाव से समझना होगा, और उसी के अनुरूप टिप्पणी करनी होगी। जब भारत देश से प्यार करने वालों ने ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो का सफल आन्दोलन चलाया और अंग्रेजों को भगा दिया तो अमेरिकन्स यदि ‘अमेरिका छोड़ो का नारा बुलन्द कर रह हैं, तो कैसा और काहे का विरोध-हंगामा।
Raven Gandhi, leave the US
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रवीन गांधी को वॉयसमेल पर प्राप्त मैसेज को यू-टयूब, ट्विटर और फेसबुक पर पोस्ट करने से कोई फायदा होने वाला नहीं। ये तीनों प्लेटफार्म अमेरिकन्स के ही हैं, उस पर की जा रही पोस्टिंग, भारतीयों-अमेरिका छोड़ो के आन्दोलन को ही बढ़ावा देगी। मेरी राय में निक्की हेली, रवीन गांधी और उन जैसे हजारों लाखों भारतीयों को अपने आप अमेरिका छोड़कर भारत वापस आ जाना चाहिए, उसके लिए वे सीधे भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी से विचार-विमर्श कर सकते हैं।
Raven Gandhi, leave the US
Raven Gandhi, leave the US
अपने घर की सूखी रोटी से अच्छा, अमेरिका का जूता भरा पिज्जा, मुझे तो पसन्द नहीं, आप जैसे सौतेले अमेरिकन्स को पसन्द हो तो खाईये पिज्जा, लेकिन अपमान भरी जिन्दगी तो जीनी ही पड़ेगी, उससे कोई नहीं बचा पायेगा।

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