विविध

Ram Rahim के खिलाफ हत्या मामले में कोर्ट में बहस

Ram Rahim  को रोहतक की सुनारिया जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश किया गया है।

पत्रकार छत्रपति साहू और डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या मामलों में पंचकूला सीबीआइ कोर्ट में
Ram Rahim मामले पर बहस शुरू हो गई है।
सीबीआई वकील एचपीएस वर्मा और बचाव पक्ष के वकील एसके गर्ग के बीच बहस चल रही है।
दोनों हत्याओं के मामले में सात अन्य आरोपी निर्मल सिंह, कृष्ण लाल, कुलदीप, अवतार सिंह, जसबीर, सबदिल और इन्द्रसेन को भी अदालत में पेश किया गया है।
सुनवाई के मद्देनजर रोहतक, पंचकूला सहित राज्यभर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
रोहतक में सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन द्वारा 15 ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं।
साथ ही अर्धसैनिक और पुलिस के जवान पेशी के दौरान संदिग्ध लोगों पर विशेष नजर रखेंगे।
बता दें, पत्रकार छत्रपति और डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या मामलों में आज फाइनल बहस हो रही है।
रोहतक जेल में यह पहला मौका है, जब किसी कैदी की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही है।

कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरियाणा के नए गृह सचिव एसएस प्रसाद, पुलिस महानिदेशक बीएस संधू, चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक और पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के साथ बैठक की।
पंचकूला सीबीआई कोर्ट के बाहर  पुलिस बल तैनात हैै।
गृह सचिव व डीजीपी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भी कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाए कदमों की जानकारी दी।
राज्य में अभी 33 कंपनियां अर्धसैनिक बलों की तैनात की गई है।
Ram Rahim की पेशी के बाद फिर से सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा होगी।
उसके बाद पंचकूला, सिरसा और रोहतक जिलों को छोड़कर बाकी जिलों से अर्धसैनिक बलों की कंपनियों को वापस भेजा जा सकता है।

10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत का मर्डर हुआ था।

डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिठ्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी।
पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की।
24/10/2002 को सिरसा के सांध्य दैनिक ‘”पूरा सच”‘ के संपादक रामचंद्र छत्रपति को पांच गोलियां मारी गई थीl
जिसके बाद 21 नवंबर 2002 को रामचंद्र छत्रपति की दिल्ली के अपोलो अस्पताल में मृत्यु हो गई।
बताया जाता है कि अपने अखबार में साध्वी यौन शोषण मामले को उठाने पर ही रामचंद्र छत्रपति की हत्या की गई।
जनवरी 2003 में पत्रकार छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की।
इसके बाद हाई कोर्ट ने पत्रकार छत्रपति व रणजीत हत्याकांड की सुनवाई एक साथ कीl
और 10 नवंबर 2003 को सीबीआई को एफआइआर दर्ज कर जांच के आदेश दिए।
दिसंबर 2003 में सीबीआई ने छत्रपति व रणजीत हत्याकांड में जांच शुरू की।

    वो साहसी जस्टिस जिसने एक अय्यास और कत्ली की सारी गुण्डई धूल में मिला दीस।
गुण्डा और सैकड़ों मासूम लोगों के हत्यारे को अब इस जस्टिस से डर लग रहा है।

डेरे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच पर रोक की मांग की।
नवंबर 2004 में दूसरे पक्ष की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने डेरे की याचिका खारिज कर दी।

 खबर चंडीगढ़ से

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