नई दिल्ली। घरों में बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहे एलईडी बल्ब पर भी अब एसी, फ्रिज की तरह बिजली बचत मानक वाले सितारें लगेंगे। सरकार अब एलईडी बल्ब को भी अनिवार्य रूप से स्टार लेबिलिंग कार्यक्रम के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है। अगले साल जनवरी से इसे लागू किया जा सकता है। स्टार लेबलिंग यानी स्टैंन्डर्ड एंड लेबलिंग कार्यक्रम बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाले ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) का एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसके तहत उत्पादों पर एक से लेकर पांच तक सितारे यानी स्टार दिये जाते हैं। स्टार की संख्या जैसे-जैसे बढ़ती है, वह उत्पाद उतना ही कम बिजली की खपत करता है।
बीईई के महानिदेशक अभय बाकरे ने के ई-मेल पर भेजे सवाल के जवाब में कहा, ‘‘एलईडी लैंप को स्टार रेटिंग कार्यक्रम के अंतर्गत अनिवार्य श्रेणी में लाया जा रहा है। इसे जनवरी 2018 से लागू किया जाएगा।’’ फिलहाल एलईडी लैंप स्टार रेटिंग कार्यक्रम के अंतर्गत स्वैच्छिक श्रेणी में है। सरकार के उजाला कार्यक्रम के तहत अब तक लगभग 27 करोड़ एलईडी बल्ब बांटे जा चुके हैं। ऐसे में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो यह सुनिश्चित करना चाहता है कि ग्राहकों को केवल गुणवत्तापूर्ण उत्पाद ही मिले। उसी कड़ी में यह कदम उठाया जा रहा है।
स्टार रेटिंग कार्यक्रम के अंतर्गत कमरों में उपयोग होने वाले एसी, फ्रोस्ट फ्री रेफ्रिजरेटर, ट्यूबलाइट (ट्यूबलर फ्लोरेसेंट लैंप), रंगीन टीवी, इलेक्ट्रिक गीजर, इनवर्टर एसी जैसे नौ उत्पाद अनिवार्य श्रेणी में हैं। वहीं पंखे, एलपीजी स्टोव, वाशिंग मशीन, कंप्यूटर जैसे 12 उत्पाद स्वैच्छिक श्रेणी में हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘बीईई स्टैंन्डर्ड एंड लेबलिंग कार्यक्रम में अन्य उत्पादों को शामिल कर इसका विस्तार कर रहा है। इन उत्पादों में चीलर्स और वीआरएफ (वर्चुअल राउटिंग एंड फारवार्डिंग) समेत अन्य उत्पाद शामिल हैं। ये अभी स्वैच्छिक होंगे।’’