नई दिल्ली। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष रामशंकर कठेरिया ने सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्गों के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने से जुड़े विधेयक को जल्द पारित कराने की मांग की है और कहा कि इसमें सभी राजनीतिक दल ‘गंभीरता’ दिखाएं। कठेरिया ने कहा, ‘‘आरक्षण सामाजिक समरसता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उसी तरह पदोन्नति में आरक्षण भी सामाजिक समरसता की दिशा में दूसरा महत्वपूर्ण कदम है। हम चाहते हैं कि इससे जुड़ा विधेयक जल्द लाया जाए। इस संदर्भ में हमने सरकार को लिखा भी था और लगातार बातचीत कर रहे हैं।
आशा करते हैं कि पहले के प्रारूप वाला विधेयक जल्द लाया जाएगा।’’ गौरतलब है कि पूर्व की संप्रग सरकार पदोन्नति में आरक्षण में लिए संवैधानिक संशोधन (117वां) विधेयक लेकर आई थी जिसे दिसंबर, 2012 में राज्यसभा में पारित किया गया, लेकिन राजनीतिक असहमति की वजह से इसे लोकसभा में पारित नहीं किया जा सका। संप्रग सरकार ने यह विधेयक 2006 के ‘एम नागराज बनाम भारत सरकार एवं अन्य’ के मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले तथा उसके बाद आए कुछ राज्य उच्च न्यायालय के फैसलों के संदर्भ में पेश किया था।
अपने फैसले में शीर्ष अदालत ने कहा था कि पदोन्नति में आरक्षण देने वाले राज्य को कर्मचारियों के पिछड़ेपन और प्रशासनिक क्षमता जैसे कारण दिखाने होंगे। कठेरिया ने कहा, ‘‘विधेयक को सरकार की ओर से पेश करने पर सभी दलों को गंभीरता दिखानी चाहिए और इसे पारित कराने में सहयोग करना चाहिए।