धोखा-धड़ी
PNB डूबा तो आपकी जमा पर आपको क्या मिलेगा
एक बलि का बकरा पकड़ो, उससे सारा फ्राड कराओ और उसे जनता की जमापूंजी में से लुटाये जा रहे हजारों-हजार करोड़ में से हिस्सेदारी करो और और स्कैम खुले तो सरकार और विपक्ष स्वंय ही सामने आ जायेंगे।
बस ढ़ीगा-मुस्ती चलती रहेगी। शायद हर्षद मेहता, विजय माल्या, जैसे लुटेरों की लूट में सरकारी संरक्षण की भी हिस्सेदारी होती ही है। तभी तो सरकार चाहे कांग्रेस की हो अथवा भाजपा की, कोई भी बैंक वालों की भूमिका पर प्रश्नचिन्ह नहीं लगाता। कोई रिजर्व बैंक की भूमिका पर सवाल खड़े नहीं करता?
आखिरकार बैंकों का बैंक रिजर्व बैंक क्या कर रहा है। केवल सीआरआर आधा प्रतिशत कम करने और आधा प्रतिशत बढ़ाने के अलावा क्या केवल इन बैंकों के निदेशक मण्डल में अपने अधिकारियों को निदेशक बनाकर मौज करने के अलावा उसके पास और कोई काम है?
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