मेरा मानना है कि इसमें मोदी को परेशान होने का क्या मतलब? मोदी कोई PM Oli की कृपा पर भारत के प्रधानमंत्री थोड़े ही बने हैं। अपनी मांग तो कोई भी किसी के भी सामने रख सकता है। उसपर निर्णय लेना तो उसपर निर्भर करता है, जिसके सामने मांग रखी गई है।
दरअसल नवंबर 2016 को जो नोटबंदी हुई थी उसके बाद नेपाल में भारत में बंद हो चुके 500 और 1,000 के कई करोड़ नोट पहुंच गए थे। अब नेपाल चाहता है कि भारत इन नोटों को वापस ले ले।
देश में नोटबंदी के बाद कई करोड़ पुराने नोट वापस आ गए थे और ऐसे में अब सबकी नजरें पीएम मोदी और PM Oli की मुलाकात पर टिकी हैं जहां पर इस बारे में चर्चा होने की पूरी संभावना है। नेपाल के पास नोटबंदी में बंद हो चुके 950 करोड़ रुपए के पुराने नोट पड़े हुए हैं।
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