पंचतंत्र

PanchTantra-कान भरने की कला भाग-9

उससे एक चूक और हो गई थी। उसने उनके नाम उग्रशक्ति, बहुशक्ति और अनंतशक्ति रख दिए थे। लड़के यथा नाम तथा गुण के आर्दश पर चल रहे थे। दुनिया जानती है कि शक्ति बेजान चीज में भी होती है और दिखाई नहीं देती है वहां भी झटका देती है।

और जो उससे चिपकता है उसकी जान तक ले लेती है। आदमी तो ठहरा आदमी। वह यह जताने के लिए कि वह ताकतवर है, लोगों को समझाता रहता है कि में कोई ऐसी वैसी चीज नहीं हूं, मुझसे बचकर रहना।

वह शक्ति का नमूना पेश करने के लिए अक्ल से काम लेना बंद कर देता है। फिर इनके साथ तो करैले के नीम पर चढऩे वाली बात थी। राजा ने शक्ति उग्र और अनंत जैसे विशेषण लगा दिए थे। अब वे कहां संभाल में आने वाले थे।

कहने का मतलब यह है कि लड़के लिख लोढ़ा, पढ़ पत्थर थे। उनका मन शैतानी में अधिक लगता था। वे पढऩे की जगह अपने शिक्षकों को ही पाठ पढ़ाने और बनाने लगते। गुरुजी डांटते-डपटते तो उनकी छुट्टी करा देते। ……

इससे आगे भाग-10 में पढ़िए…

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