ईरान परमाणु समझौते में मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले को सजा
तेहरान। विश्व शक्तियों के साथ साल 2015 में हुए परमाणु (Nuclear) समझौते में मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाली ईरान की टीम के एक सदस्य को जासूसी मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पांच साल की जेल की सजा दी गई। इसकी जानकारी एक अर्ध-आधिकारिक संवाद समिति ने दी है। बुधवार को आयी इस खबर में वैसे तो किसी का नाम नहीं दिया गया है, लेकिन सूचनाओं के अनुसार सिर्फ ईरानी-कनाडायी नागरिक अब्दुलरसूल दोरी इसफहानी है पर आपराधिक मामला चल रहा है।
अगर इनके हिरासत में लिए जाने की पुष्टि होती है तो वह देश में गिरफ्तार किये जाने वाले दोहरी नागरिकता धारी दूसरे व्यक्ति होंगे। संयुक्त राष्ट्र के पैनल ने इसे परमाणु समझौते के बाद उभर रहा ‘‘नया पैटर्न’’ बताया है। सजा दिए जाने की खबर सिर्फ ईरान के अर्ध-आधिकारिक ‘तसनीम’ समाचार एजेंसी में आई है। ऐसा माना जाता है कि यह समाचार एजेंसी ईरान के अर्धसैनिक रेवोल्यूशनरी गार्ड की नजदीकी है। रेवोल्यूशनरी गार्ड सिर्फ देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई के प्रति जवाबदेह है।
यह गार्ड दोहरी नागरिकता वाले या पश्चिमी देशों से संबंध रखने वाले लोगों के हिरासत में लिए जाने के लगभग प्रत्येक मामले में शामिल होता है। इस समाचार एजेंसी की छोटी सी खबर में कहा गया है, “परमाणु मध्यस्थता टीम के एक सदस्य को तेहरान की प्रांतीय अपीली अदालत में दोषी ठहराए जाने की पुष्टि हो गई है। उन्हें पहले भी गिरफ्तार किया था और वह अभी जमानत पर बाहर थे। मध्यस्थ को पांच साल कारावास की सजा दी गई है।