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Namo के शासन में आदिवासियों का होगा विकास
भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार ने यह सुनिश्चित किया है। कि गुजरात में आदिवासी इलाके विकास के मामले में देश के किसी अन्य क्षेत्र से पीछे नहीं रहें। उन्होंने देश में आदिवासियों के पिछडेपन के लिए पूर्ववर्ती सरकार की नीति को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि Namo सरकार में अब आदिवासियों को वास्तविक अर्थ में ‘स्वराज’ हासिल करने का समय आ गया है। शाह ने एक ब्लाग में कहा कि पिछले दो दशक से भाजपा शासित उनके गृह राज्य गुजरात में बजट का 14.75 फीसद आदिवासियों के विकास पर खर्च किया जाता है।
गुजरात के 14 जिलों में आदिवासी बडी तादाद में रहते हैं। उन्होंने कहा,‘गुजरात में भाजपा सरकारों के प्रयासों के कारण ही विकास के किसी भी स्तर पर आदिवासी इलाके अन्य इलाकों से पीछे नहीं है। गुजरात में इस साल आखिर में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। और राज्य में आदिवासियों की अच्छी खासी आबादी है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि Namo सरकार ने जनजातियों के विकास के लिए 2014 में एक कल्याणकारी योजना शुरू की। और बाद में यह सुनिश्चित करने के लिए एक कानून लाया गया। कि खनिजों से होने वाली आय का दस फीसदी रॉयल्टी के तौर पर इन इलाकों के विकास पर खर्च किया जाए। जहां आदिवासी रहते हैं ।
भाजपा नेता ने कहा कि आदिवासी इलाकों के विकास के लिए जिला मिनरल फाउंडेशन का गठन किया गया था। जिसका मुख्य उद्देश्य खनन से प्रभावित क्षेत्रों के कल्याण के लिए काम करना है। इसमें अबतक 9100 करोड रूपये जमा हो चुके हैं। जो उनक्षेत्रों के विकास पर खर्च किए जाएंगे। जो खनन से प्रभावित हैं। और जहां बहुतायत में आदिवासी रहते हैं। उन्होंने कहा कि समस्त देश के साथ आदिवासियों को भी 1947 में अंग्रेजों से स्वराज तो मिल गया। लेकिन जनजातियों के वस्ताविक स्वराज का समय अब आया है। जिसके लिए भारतीय जनता पार्टी और Namo सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। इस संदर्भ में शाह ने झारखंड के अपने तीन दिवसीय प्रवास का भी जिक्र किया है। जहां उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के गांव का दौरा किया था।
उन्होंने कहा कि राज्य की Namo सरकार ने शहीद के गांव का सर्वांगीण विकास करने का कार्यक्रम तैयार किया है। शाह ने कहा कि पिछली सरकारों ने खानों और खनिकों का दोहन कर लिया। और दूर दराज में रहने के कारण उन इलाकों को ऐसे ही छोड दिया। तथा विकास का कोई काम नहीं हुआ। सरकारों की इसी उदासीनता के कारण आदिवासी पिछडे रह गए। अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती राजग सरकार ने आदिवासियों के विकास के लिए एक मंत्रालय का गठन किया था। उन्होंने लिखा है कि Namo सरकार जिस प्रकार काम कर रही है। उससे पूर्वोत्तर के साथ साथ पूरे देश में जनजाति बहुल क्षेत्रों का सर्वांगीण विकास होगा। और उनकी स्वराज से सुराज की यात्रा शीघ्र पूरी होगी।
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