साइबर संवाद
LokSabha उपचुनाव टलने के आसार
पंजाब LokSabha उप चुनाव में भाजपा की हार का असर बाकी राज्यों के लोकसभा उपचुनाव में होने का अंदेशा है। इसलिये पांच राज्यों की सात लोकसभा सीटों पर होने वाल उपचुनाव का फिलहाल टलते दिख रहे हैं।
असल में LokSabha उपचुनाव में पंजाब की गुरदासपुर सीट पर करारी हार ने बीजेपी के रणनीतिकारों को हिला दिया है। हिमाचल और गुजरात के विधानसभा चुनाव में विपक्ष गुरदासपुर की हार को जमकर भुना सकता है। ऐसे में बीजेपी आलाकमान नहीं चाहता कि लोकसभा की सात सीटों पर उपचुनाव के लिये समय अनुकूल नहीं मान रहा। ऐसे में संभावना है कि हिमाचल व गुजरात विधानसभा के बाद उपचुनाव होंगे।
बताते चलें कि, देश के पांच राज्यों की सात लोकसभा सीटें खाली हैं। चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के साथ इन सीटों पर उपचुनाव की घोषणा नहीं की। जम्मू कश्मीर की अनंतनाग सीट को छोड़ कर बाकी सभी छह सीटें सितंबर से या उसके पहले से खाली हैं।
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हिमाचल विधानसभा चुनाव के साथ इन सीटों पर घोषणा नहीं हुई। तब से अंदाजा लगाया जा रहा है कि गुजरात विधानसभा के साथ इन सीटों पर उपचुनाव होगा। पर चुनाव आयोग के जानकार सूत्रों का कहना है कि उपचुनाव टाला भी जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा के बुरी तरह से हारने के बाद पार्टी के कई नेता चाहते हैं कि अभी लोकसभा का कोई उपचुनाव न हो। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि गुजरात विधानसभा चुनाव के साथ उपचुनाव होने पर पार्टी नेतृत्व इन पर ध्यान नहीं दे पाएगा। और साथ ही दोनों राज्यों के प्रचार का असर इन चुनावों पर भी होगा। तभी इसे 18 दिसंबर के बाद कराने के बारे में विचार हो रहा है।
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गुरदासपुर सीट में बुरी शिकस्त के बावजूद, भाजपा को गुजरात और हिमाचल दोनों राज्यों में जीत का भरोसा है। सो, पार्टी के जानकार नेताओं का कहना है कि उसके बाद उपचुनाव हुए तो माहौल पॉजिटिव रहेगा और पार्टी के बड़े नेता स्वतंत्र रूप से इन चुनावों की प्लानिंग कर सकेंगे।
यह भी गौरतलब है कि जिन राज्यों में उपचुनाव हैं उनमें से पश्चिम बंगाल को छोड़कर बाकी चार राज्यों में भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों की सरकार है। सो, संभव है कि राज्य सरकार अपनी कोई समस्या बता कर चुनाव टलवाएं।
इस बात की भी संभावना है कि चुनाव आयोग खुद ही राज्यों के चुनाव के बाद इस बारे में विचार करे क्योंकि उसके पास उपचुनाव कराने के लिए फरवरी, मार्च तक का समय होगा। फिलवक्त लोकसभा उपचुनाव की तारीखें आगे खिसकती दिख रही हैं।
NIS Bureau
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