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प्रिटी जिंटा की टीम के इस ‘हीरो’ को विराट कोहली ने नहीं दिया मौका

नई दिल्ली : तीन टेस्ट मैचों की सीरीज पहले ही अपने नाम कर चुकी भारतीय टीम की नजरें तीसरे टेस्ट में अब श्रीलंका का उसके ही देश में हराकर पहली बार 3-0 से सीरीज अपने नाम करने की कोशिश करेगी. शनिवार को दोनों टीमें पाल्लेकेले स्टेडियम में आमने-सामने हैं. पाल्लेकेले स्टेडियम में खेले जा रहे तीसरे और आखिरी टेस्ट मैच में टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया है. भारत के हरफनमौला खिलाड़ी रवींद्र जडेजा इस मैच में नहीं खेल रहे हैं. उन पर आईसीसी ने पिछले 24 महीनों में छह नकारात्मक अंक होने के कारण एक मैच का प्रतिबंध लगाया है. उनकी जगह चाइनामैन कुलदीप यादव को प्लेइंग इलेवन में चुना गया है. इसके अलावा भारतीय टीम में और कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है. बता दें कि जडेजा की जगह पहले बाएं हाथ के ही अक्षर पटेल को टीम में चुना गया था, लेकिन आखिर में प्लेइंग इलेवन में भारत के पहले ‘चाइनामैन’ गेंदबाज कुलदीप यादव को जगह मिल गई है. कुलदीप ने इसी साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए धर्मशाला टेस्ट मैच में अपने प्रदर्शन से काफी प्रभावित किया था.

विराट ने नहीं दिया अक्षर को मौका

अगर पाल्लेकले टेस्ट में अक्षर पटेल खेलते तो यह उनके करियर का पहला टेस्ट होता. अक्षर पटेल हाल ही में साउथ अफ्रीका में भारत-ए टीम के साथ त्रिकोणीय सीरीज खेलने में व्यस्त थे, जहां टीम इंडिया ने फाइनल में साउथ अफ्रीका-ए को हराते हुए त्रिकोणीय सीरीज अपने नाम की. पटेल ने इस टूर्नामेंट के 4 मैचों में 7 विकेट झटके. उन्हें तीसरे टेस्ट से पहले श्रीलंका बुलाया गया है. बता दें कि अक्षर पटेल ने कुल 30 वनडे मैचों में 30.20 की गेंदबाजी औसत से 35 विकेट चटकाए हैं. वहीं टी-20 में अक्षर ने भारत के लिए कुल 7 टी-20 मैच खेले है जिनमें उन्होंने 7 विकेट झटके हैं. उन्होंने भारत के लिए अपना आखिरी मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ अक्टूबर 2016 में खेला था. बाएं हाथ के बल्लेबाज और बाएं हाथ स्पिन गेंदबाज हैं. अक्षर ने बांग्लादेश के खिलाफ 15 जून 2014 को अपने वनडे करियर की शुरुआत की. अक्षर पटेल ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में आयोजित 2015 क्रिकेट विश्व कप के लिए भारत की 15 सदस्यीय टीम में चुने गए थे. इन्होंने अपने टी-20 क्रिकेट कैरियर की शुरुआत 17 जुलाई 2015 को जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम के खिलाफ खेलकर थी.

आईपीएल-10 में अक्षर पटेल रहे हरफनमौला

रणजी ट्रॉफी में, अक्षर पटेल के बैटिंग और बॉलिंग में अच्छे प्रदर्शन से प्रभावित होकर, किंग्स इलेवन पंजाब ने उन्हें आईपीएल-7 के लिए चुन लिया. आईपीएल-7 में किंग्स इलेवन पंजाब की ओर से खेलते हुए अक्षर पटेल सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों में से एक बनकर उभरे. अक्षर पटेल, जो खुद को बैटिंग में अधिक कुशल ऑलराउंडर मानते हैं, उनकी बॉलिंग से खासा प्रभावित करते हैं.

किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान जॉर्ज बैली, अक्षर पटेल के प्रदर्शन से बहुत प्रभावित रहे और दबाव के समय अक्सर उन्हें बॉलिंग दी. आईपीएल-7 में उनके जबरदस्त प्रदर्शन के बाद, अक्षर पटेल को इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर (साल का उभरता हुआ खिलाड़ी) नाम दिया गया. आईपीएल-7 में उनके प्रदर्शन के बाद, अक्षर पटेल को भारतीय राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बना लिया गया. उन्हें 2014 में भारतीय टीम के बांग्लादेश के दौरे के लिए शामिल किया गया. अक्षर पटेल को 2012/13 सीजन के लिए बीसीसीआई अंडर-19 का क्रिकेटर ऑफ द ईयर अवॉर्ड दिया गया था.

आईपीएल इतिहास में ये कारनामा करने वाले पहले खिलाड़ी बने थे अक्षर पटेल

अक्षर पटेल ने आईपीएल सीजन-9 की पहली हैट्रिक अपने नाम की थी. उन्होंने दिनेश कार्तिक, ड्वेन ब्रावो और रविन्द्र जडेजा को लगातार गेंदों पर आउट करके हैट्रिक बना ली. राजकोट की स्पिन लेती विकेट पर अक्षर ने लाजवाब गेंदबाजी की थी. एक वक्त ऐसा था कि उन्होंने सिर्फ 5 गेंदों के भीतर ही गुजरात के 4 खिलाड़ियों को चलता कर दिया था. पहली बार आईपीएल के इतिहास में हुआ है कि किसी गेंदबाज ने 5 गेंदों पर 4 विकेट चटकाए हों. अपने 4 ओवर में अक्षर ने 21 रन दिए और 4 विकेट चटकाए थे.

आईपीएल 10 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाड़ी हाशिम अमला के अलावा किंग्स के लिए अक्षर पटेल ने भी बल्ले और गेंद दोनों से शानदार प्रदर्शन किया था. आईपीएल में खतरनाक बल्लेबाज वॉटसन के लिए भी पटेल हमेशा मुश्किल ही साबित हुए थे.

कोहली ने फिर दिया कुंबले के ‘फेवरेट’ कुलदीप को मौका

कोहली अक्सर अंतिम एकादश में परिवर्तन करने से बचते रहते हैं, लेकिन अब उन्हें न चाहते हुए भी एक परिवर्तन करना पड़ा है. जडेजा हमेशा से ही कोहली की जीत में बड़ी भूमिका निभाते रहे हैं. जडेजा ने कोहली की कप्तानी में करीब- करीब 100 विकेट लिए हैं जो बताता है कि उनका कोहली की सफलता में एक बड़ा योगदान रहा है.

बैन के चलते जडेजा की पाल्लेकेले टेस्ट में प्लेइंग इलेवन से छुट्टी हो चुकी है. ऐसे में कोहली ने उनकी जगह चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव को प्लेइंग इलेवन में मौका दिया है. यादव ने अपना टेस्ट डेब्यू ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था. और अपनी चाइनामैन गेंदबाजी से सबको प्रभावित किया था. तब से ही कुलदीप यादव टीम इंडिया के सभी फॉर्मेट में नियमित खिलाड़ी हैं. कुलदीप ने अपने पहले टेस्ट में 4 विकेट लिए थे.

हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ दो दिवसीय अभ्यास मैच में खेले थे और 14 रन देकर 4 विकेट झटके थे. श्रीलंका में स्पिन गेंदबाजों की चांदी रहती हैं. ऐसे में कुलदीप यादव को गेंदबाजी करते देखना दिलचस्प होगा. टीम इंडिया ने कोलंबो टेस्ट में श्रीलंका को 1 पारी और 53 रनों से हरा दिया. इस तरह से तीन टेस्ट मैचौं की सीरीज में टीम इंडिया ने श्रीलंका पर 2-0 से अजेय बढ़त ले ली है.

भारत के पहले चाइनामैन गेंदबाज हैं कुलदीप

दरअसल, कुलदीप यादव एशिया के दूसरे और भारत के पहले लेफ्ट आर्म चाइनामैन गेंदबाज हैं, जिन्होंने अपने देश के लिए वनडे क्रिकेट खेला हो. कुलदीप यादव से पहले श्रीलंका के लक्षण रंगिका यह रिकॉर्ड बना चुके हैं. 26 वर्षीय लक्षण रंगिका ने 21 अगस्त 2016 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया था.

आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में रहा है शानदार प्रदर्शन

कुलदीप यादव यूपी के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते हैं, जिसमें उनका प्रदर्शन शानदार रहा हैं. आईपीएल 10 में भी कुलदीप यादव का प्रदर्शन शानदार रहा था. आईपीएल में केकेआर के लिए खेलते हुए कुलदीप यादव ने 12 मैचों में 12 विकेट हासिल किए थे.

क्या है कुलदीप यादव की खासियत

कुलदीप स्लो लैफ्ट आर्म चाइनामैन गेंदबाज हैं. वह गेंद की सीम का उपयोग कर गेंद को दोनों ओर स्पिन कराने लगते हैं, तो उन्हें खेलना बेहद कठिन हो जाता है. आमतौर पर स्पिन गेंदबाज अंदर की ओर स्पिन कराने के लिए गेंद की सीम को ऊपर रखते हैं और गुगली के लिए क्रॉस सीम का इस्तेमाल करते हैं लेकिन कुलदीप दोनों तरह से स्पिन करा सकते हैं.

छह डिमेरिट अंक होने की वजह से पाल्लकेले टेस्ट से बाहर हैं जडेजा

रवींद्र जडेजा को 24 महीने के भीतर छह डिमेरिट अंक होने के कारण तीसरे टेस्ट से निलंबित कर दिया गया है. जडेजा का इससे पहले अनुशासन के मामले में रिकार्ड अच्छा नहीं रहा है. वर्ष 2014 में इंग्लैंड के अपने पहले दौर में नाटिंघम में पवेलियन में वह तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन से भिड़ गए थे. कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने जडेजा का साथ दिया क्योंकि यह मामला तूल पकड़ गया था. एंडरसन और जडेजा दोनों सजा से बच गए और भारतीय खिलाड़ी को अपनी मैच फीस का केवल 50 प्रतिशत हिस्सा गंवाना पड़ा था.

इस स्पिनर को कोलंबो में दूसरे टेस्ट मैच में भी आचार संहिता के उल्लंघन के लिए इतनी ही धनराशि गंवानी पड़ी, लेकिन उनके खाते में नकारात्मक अंक जुड़ गए जिसके कारण उन्हें अगले मैच से बाहर होना पड़ा. इससे पहले पिछले साल अक्तूबर में भी जडेजा को न्यूजीलैंड के खिलाफ पिच पर दौड़ने और उसे नुकसान पहुंचाने के लिये तीन नकारात्मक अंक मिले थे.

 

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