एनालिसिस
चीफ जस्टिस के विशेषाधिकार से ही नाराज थे चारों Justice
जब प्रेस कांफ्रेंस में चार Judges से पूछा गया कि क्या वे मुख्य न्यायाधीष के खिलाफ महाभियोग लाने के पक्षधर हैं तो उन्होंने जवाब दिया कि यह समाज को तय करना है। इसका सीधा और साफ मतलब यही निकलता है कि उच्चतम न्यायालय के ये चारों जज मुख्य न्यायाधीष के खिलाफ महाभियोग चलाये जाने के पक्ष में रहे?
ज्ञात हो कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के Judges को, मात्र महाभियोग लगाकर ही हटाया जा सकता है। और यह बहुत ही कठिन प्रक्रिया है।
भारत में उच्चतम न्यायालय के पांच Judges की पीठ को संविधान पीठ का दर्जा मिला हुआ है और उसके फैसलों में कानून की ताकत होती है। आपने अभी तक कभी-कभार ही केंद्रीय बार काउंसिल और राज्य बार एसोसिएशनों द्वारा जजों के खिलाफ व्यक्तिगत मामलों में आरोप लगते हुए देखा-सुना होगा?
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