इसका उदाहरण तब देखने को मिला था, जब आम आदमी पार्टी की ओर से दिल्ली विधानसभा का एक दिन का सत्र बुलाया गया था। इस एक दिन के सत्र में एक नकली ईवीएम के जरिये बेहद ही बेवकूफी भरे कृत्य से यह साबित करने की कोशिश की गई थी। कि इस मशीन को हैक कर मनचाहे चुनाव नतीजे हासिल करना बायें हाथ का खेल है।
ईवीएम हैक करने का यह नाटक बीटेक डिग्री वाले एक विधायक ने किया था। पता नहीं उसने ऐसी डिग्री कहॉं से ली, लेकिन उस डिग्री के दम पर उसने ये जरूर सिद्ध कर दिया कि वो संस्थान भी एकदम दो कौड़ी का है और वहॉं से भविष्य में किसी भी छात्र को दाखिला नहीं लेना चाहिए।
जबकि, इसके विपरीत जब चुनाव आयोग ने चुनौती दी तो यही बी0टेक0 विधायक पतली गली से भाग गया। ईवीएम में कोई खामी हो तो उसे उजागर करने में हर्ज नहीं, लेकिन झूंठ को सच बताने और तथ्यों को छुपाकर अथवा उसे तोड़-मरोड़कर सरकार अथवा भाजपा के खिलाफ माहौल तैयार कराना निश्चित तौर पर निकृष्ट और घिनौनी राजनीति का परिचायक है। जो देश एवं देशवासियों को जरूर गड्ढ़े में ले जायेगा।
जय श्रीराम।
राज्यों से जुड़ी हर खबर और देश-दुनिया की ताजा खबरें पढ़ने के लिए नार्थ इंडिया स्टेट्समैन से जुड़े। साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप को डाउनलोड करें।