बड़े-बड़े धुरन्धरों का आंकलन है कि अगर चीफ जस्टिस पर Impeachment शुरू भी हुआ, तब भी विपक्ष की ‘हार’ तय है, इसे समझने के लिए तथ्यों पर जाना होगा। शुक्रवार को उप-राष्ट्रपति वैंकेया नायडू को सौंपे गए Impeachment प्रस्ताव में कांग्रेस सहित 7 पार्टियों ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर पांच आरोप लगाए हैं और Impeachment शुरू करने की मांग की है, लेकिन विपक्ष के इस दांव की राह में कई रोड़े हैं।
सबसे पहले तो राज्यसभा के सभापति यानी उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू इस प्रस्ताव को खारिज कर सकते हैं। दरअसल, इस प्रस्ताव के लिए लोकसभा के 100 या उच्च सदन यानी राज्यसभा के 50 सदस्यों के हस्ताक्षर जरूरी हैं। इसके पालन के बाद भी राज्यसभा के सभापति को प्रस्ताव को मंजूर करने या उसे खारिज करने का अधिकार सुरक्षित है।
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