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भारत में क्या मतलब है Impeachment और Justice का
स्वतंत्र भारत के इतिहास में उच्च तथा उच्चतम न्यायालय के जजों के खिलाफ पहले भी Impeachment लाए जा चुके हैं। मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पहली बार लाया गया है। आजाद भारत में किसी जज को कदाचार के आरोप में उसके पद से हटाने के लिए पहली बार 1993 में महाभियोग पेश किया गया।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश वी. रामास्वामी के खिलाफ लोकसभा में महाभियोग प्रस्ताव पेश हुआ लेकिन उसे पारित नहीं किया जा सका। वर्ष 2011 में कलकत्ता हाईकोर्ट के जज सौमित्र सेन के खिलाफ राज्यसभा में महाभियोग पेश हुआ। सुप्रीम कोर्ट की एक कमेटी ने विधिवत जांच के बाद उन्हें कदाचार का दोषी ठहराया था। महाभियोग पर चर्चा के बीच ही सौमित्र सेन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश पी.डी. दिनाकरण पर भी पद का दुरुपयोग करके जमीन हथियाने और बेशुमार संपत्ति अर्जित करने जैसे कदाचार के आरोप लगे थे। इस मामले में भी राज्यसभा के ही सदस्यों ने उन्हें पद से हटाने के लिए कार्यवाही के लिए याचिका दी थी।
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