विविध

श्रम कानूनों को सरल बनाने पर काम कर रही है सरकार: गंगवार

नई दिल्ली। श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि सरकार श्रमिकों के हितों की रक्षा से संबंधित कानूनों में सुधार और सरलीकरण के लिए प्रतिबद्ध है।

श्रमिकों के हितों में उठाये गये कदमों पर चर्चा करते हुए गंगवार ने कहा कि कर्मचारी मुआवजा (संशोधन) अधिनियम, 2017 में उल्लंघन के लिए दंड की वर्तमान राशि 5,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करने का प्रावधान है। यह जुर्माना राशि एक लाख रुपये तक बढ़ाई जा सकती है।

विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार की स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए गंगवार ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा निर्धारित प्राथमिकताओं के अनुसार, श्रम मंत्रालय श्रम कानूनों में सुधार कर रहा है और 44 श्रम कानूनों को 4 सरलीकृत संहिताओं में परिवर्तित किया गया है।

श्रमिकों को अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह पहली बार है जब कृषि और विनिर्माण समेत सभी क्षेत्रों में न्यूनतम मजदूरी बढ़ायी गयी है। इसके अलावा, बोनस संशोधन अधिनियम के तहत बोनस की पात्रता सीमा 10,000 रुपये से बढ़कर 21,000 की गयी।

अन्य सुधारों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने 14 साल से कम उम्र के बच्चों के रोजगार तथा 14 से 18 साल के किशोरों के खतरनाक व्यवसाय में काम करने पर प्रतिबंध को सुनिश्चित किया है।

साथ ही दो बच्चों के लिए 12 सप्ताह के मातृत्व लाभ को बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया है और कर्मचारियों को भुगतान सीधे बैंक खातों में जमा करना भी सुनिश्चित किया है। गंगवार ने 111 व्यक्तियों को विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। इसके अलावा 126 (विजेता-73 और उप-विजेता 53) राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार प्रदान किए गए।

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