विविध

त्योहारों का मजा किरकिरा न कर दें ‘GST Returns’

नई दिल्ली। माल एवं सेवाकर (GST) रिटर्न दाखिल करने में आ रही दिक्कतों की वजह से आगामी त्योहारी मौसम को देखते हुये व्यापारियों की परेशानी बढ़ गई है। उनका कहना है कि ईद, राखी पर कारोबार पहले ही कमजोर रहा, अब दिवाली का समय आ रहा है लेकिन बाजार में रौनक नहीं दिखाई दे रही। पहले नोटबंदी का असर रहा तो अब जीएसटी नेटवर्क में आ रही दिक्कतें परेशानी का सबब बन रही हैं।

व्यापारियों का कहना है कि कारोबार के बजाय इस समय उनका सारा ध्यान जीएसटी रिटर्न भरने पर है। व्यापारियों को एक महीने में तीन-तीन फॉर्म जीएसटी-आर एक, दो और तीन जमा कराने पड़ रहे हैं। केवल व्यापारी ही नहीं, कर सलाहकार और चार्टर्ड अकाउंटेंट भी रिटर्न भरने में आ रही दिक्कतों को स्वीकार करते हैं।

उनका कहना है कि GST परिषद को इसे सुगम बनाने की दिशा में तत्काल कदम उठाने चाहिए। व्यापारियों के प्रमुख संगठन कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स का कहना है कि यदि यही हालात रहे तो व्यापारियों को आंदोलन का रास्ता चुनना पड़ सकता है।

कैट के अध्यक्ष बी सी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि जीएसटी क्रियान्वयन के 75 दिन व्यापारियों के लिए परेशानी भरे रहे। उन्होंने कहा कि कैट ने 18 और 19 सितंबर को सूरत में व्यापारी नेताओं की बैठक बुलाई है जिसमें जीएसटी को लेकर आ रही दिक्कतों पर चर्चा की जाएगी। सत्येंद्र जैन एसोसिएट्स की निशा सिंह भी मानती हैं कि जीएसटीएन पोर्टल पर दिक्कतें आ रही है जिसकी वजह से सरकार लगातार रिटर्न भरने की तारीख आगे बढ़ा रही है। निशा कहती हैं, ‘‘जिस तरह आयकर रिटर्न भरने में मदद के लिए टीआरपी (टैक्स रिटर्न प्रिपेयरर) की सुविधा है, ऐसा ही प्रावधान जीएसटी में भी किया गया है, लेकिन इसके बारे में लोगों को जानकारी नहीं है।’’ इसके लिये अभियान चलाया जाना चाहिये।

कर सलाहकार और चार्टर्ड अकाउंटेंट अमित आजाद कहते हैं कि बहुत से छोटे व्यापारी अभी तक सिर्फ बहीखातों पर काम करते रहे हैं। अब उन्हें न केवल कंप्यूटर लगाना पड़ रहा है, बल्कि आनलाइन रिटर्न भी जमा करानी पड़ रही है। इस पर रिटर्न दाखिल करने वाले पोर्टल का ठीक से काम नहीं करना उनके लिए परेशानी पैदा कर रहा है।

होलसेल हौजरी ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण आनंद कहते हैं कि जीएसटी को जल्दबाजी में लागू किया गया। व्यापारी इसके लिए पूरी तरह तैयार नहीं हो पाए। ‘‘व्यापारी जीएसटी रिटर्न दाखिल करने जीएसटीएन पोर्टल पर जाते हैं तो यह काम नहीं करता है। कभी इंटरनेट सुस्त पड़ जाता है कभी सिस्टम हैंग हो जाता है। जिसकी वजह से हमारा सारा ध्यान सिर्फ इसी पर लगा है और कारोबार पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं।’’

कनफेडरेशन आफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव सौरभ बवेजा कहते हैं कि जीएसटी की वजह से इस बार दिवाली में बाहर का व्यापारी नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि बाहर के छोटे कारोबारियों का जीएसटी पंजीकरण नहीं है।

ऐसे में इस बार वे दिल्ली आकर खरीद करने से बच रहे हैं। कुछ यही बात बारी मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रधान परमजीत सिंह भी कहते हैं। उनका कहना है कि दिल्ली में बाहर का व्यापारी नहीं आ रहा, वहीं जीएसटी की वजह से तमाम उत्पादों के दाम 10 से 30 प्रतिशत तक बढ़ गए है जिसका दिवाली के कारोबार पर असर पड़ सकता है।

 

राज्‍यों से जुड़ी हर खबर और देश-दुनिया की ताजा खबरें पढ़ने के लिए नार्थ इंडिया स्टेट्समैन से जुड़े। साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप को डाउनलोड करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button

sbobet

https://www.baberuthofpalatka.com/

Power of Ninja

Power of Ninja

Mental Slot

Mental Slot