ट्रिगर न्यूजसत्ता पक्ष

Fake News पर जारी गाइडलाइन मोदी ने की रद्द

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सोमवार को पत्रकारों को मान्यता प्रदान करने की संशोधित गाइडलाइन जारी की। इसमें ‘Fake News’ से निपटने के लिए कई नए प्राविधानों को शामिल किया गया है। इसमें पत्रकारों की मान्यता खत्म करने जैसे कड़े प्राविधान भी शामिल किये गये हैं। इसको लेकर मीडिया जगत में विरोध के जबरदस्त सुर भी शुरू हो गए हैं।

पत्रकारों के लिए कानून होने के बावजूद भारत सरकार सारा खेल मात्र गाइड लाइन बनाकर ही निपटाये दे रही है। जब इतना बड़ा देश गाइड लाइन से ही हांका जा सकता है तो क्या जरूरत सांसदों की, इतने बड़े मंत्रीमण्डल की, और संसद की ही क्या आवश्यकता? गाइड लाइन से ही प्राणों की माफी दे दीजिए और इसी से मृत्यू दण्ड भी। क्या जरूरत न्याय की और न्यायपालिका की। सब डालिए रद्दी की टोकरी में।

मंत्रालय द्वारा जारी बयान में इस बारे में संक्ष‍िप्त जानकारी दी गई है कि किस तरह से किसी Fake News’ के बारे में शिकायत की जांच की जाएगी और किसके द्वारा की जाएगी। बयान के मुताबिक, ‘अब Fake News’ के बारे में किसी तरह की शिकायत मिलने पर यदि वह प्रिंट मीडिया का हुई तो उसे प्रेस कौंसिल ऑफ इंडिया (PCI) और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की हुई तो न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (NBA) को भेजी जायेगी। ये संस्थाएं यह तय करेंगी कि न्यूज फेक है अथवा नहीं?

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