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BHU प्रकरण की होगी न्यायिक जांच: सीएम

BHU (बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय) में हुए घटनाक्रम की आज न्यायिक जांच के आदेश, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने जारी कर दिये।

यह जानकारी प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एवं राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने यहां संवाददाताओं को दी। शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद कहाl

‘न्यायिक जांच के आदेश दे दिये गये हैं।

उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन और ​कुलपति सहित विश्वविद्यालय प्रशासन से कहा गया हैl वे छात्रों से सीधा संवाद स्थापित करेंl ताकि बाहरी एवं असामाजिक तत्वों को कोई मौका ना मिलने पाये।शर्मा ने बताया कि BHU(विश्वविद्यालय परिसर) में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाएगीl सीसीटीवी लगाये जाएंगे। मंत्री ने कहा कि इस बात की जांच की जाएगी कि किस तरह बाहर से लोग आये,पथराव किया और पेट्रोल बम फेंके।
उन्होंने कहा,’विपक्ष हताश और निराश है। क्योंकि जनता ने उसे खारिज कर दिया है। विपक्षी दल शिक्षा के वातावरण को दूषित करना चाहते हैं। शर्मा ने कहा कि विपक्षी दलों को राजनीति करनी है तो ‘हमसे करें। धरना प्रदर्शन के लिए परिसर के वातावरण को दूषित ना करें।

इस सवाल पर कि छात्र-छात्राओं पर पुलिस लाठीचार्ज का आदेश किसने दिया था। मंत्री ने कहा कि दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। हम उन लोगों को चिह्नित कर रहे हैं। जिन्होंने छात्रों के कंधों पर बंदूक रखकर घिनौनी राजनीति की है।

साथ ही लाठीचार्ज में शामिल लोगों को भी चिह्नित कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि न्यायिक जांच किसकी अध्यक्षता में हो रही है? शर्मा ने कहा कि इसका ब्यौरा दे दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जांच के बाद ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ हो जाएगा। उन्होंने कहा, ‘छात्रों के साथ छात्रों की तरह बर्ताव हो। हम यही कोशिश कर रहे हैं। BHU (विश्वविद्यालय) के कुलपति एवं अन्य अधिकारी तथा स्थानीय प्रशासन छात्रों से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याएं दूर करेगा।

इस जॉंच में इस तथ्य को शामिल किया जाना चाहिए कि जब छात्राएं BHU कुलपति से मिलने गईं, तो वे मिले क्यों नहीं? जिस लड़की ने सिर मुड़वाया उसे किस सुरक्षा कर्मी ने बेहूदा बात कहकर लौटा दिया। उसे सुरक्षाधिकारी को तो सेवा से बर्खास्त कर देना चाहिए।
इसी के साथ उस अधिकारी की भी तलाश की जानी चाहिए, जिसने गोली चलाने और रात्रि के 01:00 बजे छात्राओं के हास्टल में सर्च के नाम पर गुंडई कराई। उसे भी गिरफ्तार कर जेल भेजा जाना चाहिए।
जब देश के प्रधानमंत्री उस दिन बनारस में ही थे, तो उन्हें इसकी सूचना दी गई की नहीं, यदि नहीं दी गई तो क्यों और इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं?

विश्वविघालय परिसर में बगैर कुलपति, BHU के आदेश के ना तो पुलिस घुस सकती हैl और ना ही इस तरह की दमनात्मक कार्रवाई कर सकती है। प्रशासन के अधिकारियों ने भी कॉमन सेन्स का इस्तेमाल नहीं किया। छात्राओं पर ऐसी दरिन्दगी किसी भी तरीके से क्षम्य नहीं है।

पता नहीं इन अधिकारियों के घर में लड़के-लड़कियॉं (औलाद) हैं या नहीं। याकि बे-औलाद हैंं।

ये घटना प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ को बदनाम करने के लिए कराई गई प्रतीत होती है। जिसे अब बाहरी लोगों एवं अराजकतत्वों के मत्थे मढ़ने की भरपूर कोशिश की जा रही है। सबसे अच्छा एवं उत्तम उपाय हैl कि BHU (बनारस हिन्दू विश्वविघालय) के कुलपति को तात्कालिक प्रभाव से ​हटा दिया जायेl और गैपिंग व्यवस्था के तहत वहॉं का चार्ज बनारस के आयुक्त को सौंप दिया जाये।

सम्पादकीय डेस्क

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