एनालिसिस
Bhansali निर्दोष हैं अथवा गुनहगार,कौन तय करेगा?
लेकिन जैसा कि अंदेशा था, इसके प्रदर्शन के साथ ही देश में इसके विरोध में हिसंक आंदोलन भी शुरू हो गए। आगजनी, पथराव, तोड़फोड़। निसंदेह इस प्रकार की घटनाओं का एक सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं होना चाहिये। इस प्रकार की हिंसा न केवल कानून व्यवस्था पर प्रशासन की ढीली पकड़ और सरकार की नाकामी को सामने लेकर आती हैं बल्कि अनेक बुनियादी सवालों को भी खड़ा करती हैं।
जैसे Bhansali जो बालीवुड के एक नामी फ़िल्म प्रोड्यूसर एवं डायरेक्टर हैं। इससे पहले भी Bhansali कई फिल्मों का निर्माण कर चुके हैं। और खास बात यह है कि Bhansali की फिल्मों और विवादों का नाता कोई नया नहीं है। इससे पहले भी जब उन्होंने बाजीराव मस्तानी बनाई थी, तब भी विवाद हुआ था।
अगर Bhansali चाहते तो अपनी पिछली गलती से सबक ले लेते और इस फिल्म को एक विवाद बनने से बचा लेते लेकिन Bhansali ने ऐसा कुछ नहीं किया (शायद इसलिए कि वो एक “गलती” नहीं थी)जिससे यह कहा जाए कि वे स्वयं ही इस विवाद के एक जिम्मेदार पक्ष नहीं हैं।
राज्यों से जुड़ी हर खबर और देश-दुनिया की ताजा खबरें पढ़ने के लिए नार्थ इंडिया स्टेट्समैन से जुड़े। साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप को डाउनलोड करें।