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थल सेना कर्नल Srikanta Purohit के निलंबन की समीक्षा करेगी

नई दिल्ली ।थल सेना सूत्रों ने कहा है कि जेल से बाहर आने के बाद लेफ्टिनेंट कर्नल Srikanta Purohit को अपनी यूनिट में आकर रिपोर्ट करना होगा और सेना उच्चतम न्यायालय के आदेश का अध्ययन करने के बाद सेवा से उनके निलंबन की समीक्षा करेगी। दरअसल, 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में पुरोहित की जमानत सोमवार को शीर्ष न्यायालय ने मंजूर कर ली। सूत्रों ने बताया कि पुरोहित को ‘खुली गिरफ्तारी’ में किसी अधिकारी को रखने जैसी पाबंदी के तहत रखा जाएगा और उनकी गतिविधि उनके आवास और उनकी यूनिट के शिविर तक सीमित रहेगी।

गौरतलब है कि किसी अधिकारी को ‘खुली गिरफ्तारी’ में तब रखा जाता है जब उसके खिलाफ कोर्ट मार्शल की कार्यवाही शुरू होती है। थल सेना ने अप्रैल 2009 में पुरोहित के खिलाफ एक ‘कोर्ट ऑफ इनक्वायरी’ शुरू की थी। पुरोहित ने मालेगांव विस्फोट मामले में कथित भूमिका को लेकर करीब नौ साल जेल में बिताए हैं। उनकी जमानत मंजूर करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा कि विभिन्न जांच एजेंसियों द्वारा दाखिल आरोपपत्र में विरोधाभास है।
थल सेना सूत्रों ने बताया कि सेना मुख्यालय उच्चतम न्यायालय के जमानत के आदेश का अध्ययन करेगा। मालेगांव मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किए जाने के शीघ्र बाद पुरोहित को सेवा से निलंबित कर दिया गया था। उस वक्त वह दक्षिणी कमान के तहत एक इकाई में तैनात थे। एक सूत्र ने बताया, ‘‘जेल से बाहर निकलने के बाद उन्हें अपनी यूनिट में रिपोर्ट करना होगा। उसके बाद उन्हें किसी अन्य यूनिट के साथ किया जा सकता है।’’

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