विविध

भारत का राष्ट्रगान

भारतीय गणतंत्र का संकल्प,राष्ट्रगान

हम भारत के लोग, भारत को एक
1(सम्पूण प्रभुत्व-संपन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य) बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को : सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए, तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और २(राष्ट्र की एकता और अखण्डता) सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवम्बर, 1949 ई. (मिति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी, संवत् दो हजार छह विक्रमी) को एतद्द्वारा, इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते है।

जन-गण-मन-अधिनायक जय हे।

भारत भाग्य विधाता ।

पंजाब-सिंध-गुजरात मराठा।
द्राविड़ उत्कल बंग ।।
विंध्य-हिमाचल-यमुना गंगा,
उच्छल जलधि तरंग ।।
तव शुभ नामे जागे,
तव शुभ आशिष मॉगे ।।
गाहे तव जय गाथा ।।
जन-गण-मंगलदायक जय हे,
भारत भाग्य विधाता ।।
जय हे, जय हे, जय हे,
जय जय जय जय हे ।।

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