फ्लैश न्यूजसाइबर संवाद
पत्रकारिता का सबक़,
यह पोस्ट विनीत नारायण जी की फेसबुक वॉल से ली गई है।
झूठी ख़बर छापने पर कैसी फ़ज़ीहत होती है? ——– इसका यह उदाहरण है कि मथुरा के एक लोकप्रिय अख़बार ने ख़बर छापी कि दानघाटी (गोवर्धन) के गिरिराज मंदिर से 51 किलो चाँदी का छत्र चोरी चला गया। जो 26 अक्तूबर 2003 को अन्नकूट के दिन, ‘उ0प्र0 डेवलपमेंट कौंसिल’ के तत्कालीन अध्यक्ष व सांसद श्री अमर सिंह ने चढ़ाया था।
इस ख़बर के छपते ही उसी अख़बार में कई समाजवादी स्थानीय नेताओं के बयान छपने लगे कि इस चोरी कांड की सीबीआई से जाँच होनी चाहिए। बाद में यह ख़बर झूठी सिद्ध हुई और उस अख़बार की मथुरा टीम को सामूहिक रूप से आकर माफ़ी माँगनी पड़ी।
साफ़ ज़ाहिर है कि यह ख़बर किसी लालच या षड्यंत्र के तहत छापी गई थी। जिससे दानघाटी गोवर्धन मंदिर की बदनामी हो। उन दिनों, मैं उस मंदिर का अदालत द्वारा नियुक्त रिसीवर था। इसलिए मुझे इस ख़बर को पढ़ कर उस पत्रकार की बुद्धि पर तरस आया। पर मैंने सोचा कि कोई क़ानूनी कार्यवाही करने से बेहतर होगा कि इस पत्रकार को कुछ ज्ञान दिया जाए।
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